सीएम योगी के मंत्री ने माना, हर साल मरते हैं बच्चे, सिर्फ हम ज़िम्मेदार नहीं

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंहगोरखपुर गोरखपुर में शुक्रवार दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी। यहां अस्पताल की लापरवाही ने कई बच्चों को मौत की नींद सुला दिया। एक-एक कर 33 मासूमों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। पूरा मामला गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की है, जहां मरने वालों में 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और 17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे। बता दें 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई गुरुवार की रात से ठप कर दी थी।

गोरखपुर हादसे का सच नहीं बता रही योगी सरकार : अखिलेश यादव

खबरों के मुताबिक पिछले 5 दिनों में 63 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी से इंकार किया है।

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि ये घटना गंभीर है। हमारी सरकार संवेदनशील है। मुख्यमंत्री ने हमसे बात की। उनका कहना है कि किसी ने ऑक्सीजन सप्लाई के बारे में नहीं बताया। अगस्त में हर साल बच्चों की मौत होती है।

स्वास्थ्य मंत्री के कहा कि साल 2014 में 567 बच्चों की मौत हुई। इस घटना में भी अलग-अलग कारणों से बच्चों की मौत हुई है। उनके अनुसार यह ऑक्सीजन सप्लाई का मुद्दा नहीं है। ऑक्सीजन गैस सिलेंडर शाम साढ़े 7 बजे से रात साढ़े 11 बजे तक चले। अस्पताल में ऑक्सीजन की अब कोई कमी नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल्द जांच कर सख्त कार्रवाई करने के कड़े निर्देश दिए हैं। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्य प्रशासन से इस घटना की रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा उन्होंने राज्य मंत्री (स्वास्थ्य) अनुप्रिया पटेल को तुरंत अस्पताल का दौरा करने का निर्देश दिया है।

वहीं बच्चों की मौत ने अब राजनीतिक रंग ले लिया हैं। विपक्ष ने मामले पर योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि गोरखपुर मे ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की दर्दनाक मौत, सरकार ज़िम्मेदार। कठोर कार्रवाई हो, 20-20 लाख का मुआवज़ा दे सरकार। वहीं राहुल गांधी का ट्वीट आया कि बीजेपी सरकार इसके लिए जिम्मेदार हैं।

बता दें अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन तो गुरुवार से ही बंद थी और शुक्रवार को सारे सिलेंडर भी खत्म हो गए। इंसेफेलाइटिस वार्ड में मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

गोरखपुर में बढ़ा मातम का दायरा, मरने वालों की संख्या 60 पार

हॉस्पिटल मैनेजमेंट पर लगातार सवाल उठ रहे है कि बड़ी लापरवाही के चलते 33 बच्चों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। अस्पताल में ऑक्सीज़न सप्लाई करने वाली फर्म का 69 लाख रुपये का भुगतान बकाया था।

ऑक्सीजन की आपूर्ति से निपटने के विभाग ने अधिकारियों को 3 और 10 अगस्त को कमी के बारे में सूचित किया था। पुष्पा सेल ने भुगतान नहीं होने पर आपूर्ति को बंद कर दिया था।

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