सोनचिड़िया की शूटिंग के दौरान चंबल के डकैतों से मिली थी धमकी

मुंबई.फिल्म सोनचिड़िया चंबल के बीहड़ में महीनों शूट हुई। वहां के विषम हालातों में फिल्म से जुड़े कलाकारों के लिए उनके करियर की फिजिकली सबसे चैलेंजिंग फिल्म रही। फिल्म से जुड़े लोगों ने बताया कि सूखे और वीरान इलाके में उन लोगों ने शूट तो किया ही, साथ में उन्हें वहां के डाकुओं से भी अलर्ट रहने को कहा गया था।

हालांकि आज की तारीख में डकैत कल्चर अब वहां बाकी नहीं रह गया है। मगर पुलिस प्रशासन की ओर से पूरे कास्ट और क्रू को खुले में घूमने की इजाजत नहीं थी। कुछ ऐसे अंदरूनी इलाके थे, जहां जाने की मनाही थी। एक तरह से फिल्म के कास्ट और क्रू को डाकुओं की तरफ से अघोषित चेतावनी मिली हुई थी।

फिल्म के ट्रेलर में दिखाई गई बंदूकों की धांय-धांय दरअसल असली नहीं है। शूट के दौरान इस्तेमाल होने वाले बंदूकों से फायरिंग करना भी मना था। लिहाजा कलाकार शूट के दौरान हवाई फायरिंग के मद्देनजर हवा में सिर्फ गन लहराते थे। वे फायर नहीं करते थे। बाद में साउंड डिजाइनर्स की मदद से फायरिंग की आवाज सीन में मिक्स की गई है।

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दिलचस्प बात यह थी कि इस तरह के माहौल में कलाकारों ने पहली बार काम किया था। सिर्फ़ यही उनके लिए चुनौती नहीं थी। सबको बड़ी-बड़ी रायफल हाथ में रखने और चलाने की भी चुनौती थी। उसके लिए कलाकारों का तीन हफ्ते वर्कशॉप चला। सबसे लंबा वर्कशॉप डायलेक्ट को लेकर रहा। पूरी फिल्म बुंदेली में हैं। उसे पकड़ने में मनोज बाजपेयी और आशुतोष राणा को छोड़ बाकियों के पसीने छूट गए थे।

 

 

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