बलरामपुर अस्पताल में जल्द बनेगी सेप्टिसीमिया यूनिट, मरीजों को मिलेगी काफी राहत

सेप्टिसीमिया यूनिटलखनऊ। बलरामपुर अस्पताल में जल्द ही 16 बेड का सेप्टिसीमिया यूनिट बनने जा रही है। पहले सेप्टिसीमिया के मरीजों को ओल्ड ओपीडी के आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता था। ओल्ड ओपीडी के आथरेपेडिक और फिजियोथेरेपी ओपीडी में इस यूनिट को बनाया जाएगा। इसमें सर्जन और मेडिसिन के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

बलरामपुर अस्पताल में सेप्टीसीमिया के मरीजों के लिए अब अलग से यूनिट बनाई जाएगी। 16 बेड की इस यूनिट में आठ बेड का पुरुष वार्ड और आठ बेड का महिला वार्ड बनाया जाएगा। अभी तक यह वार्ड आइसोलेशन रूम में चलता था जो कि जनरल वार्ड में था।

वहीं अस्पताल के पुराने आथरेपेडिक और फिजियोथेरेपी ओपीडी के खाली होने के बाद इस पूरी यूनिट को वहां बनाए जाने की योजना शुरू की जा रही है। इसमें नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ का पूरा सेटअप बनाया जाएगा।

क्या है सेप्टिसीमिया

सेप्सिस, टिटनेस और डायबिटीज फुट जैसे मरीजों को सेप्टिसीमिया जैसे गंभीर बीमारी हो जाती है। इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर में किसी तरह से संक्रमण को रोकने के लिए बनने वाली एंटीबॉडी खुद अपने शरीर की ट्श्यिू को नुकसान पहुंचाने लगती है।

यह अधिकतर टिटनेस और डायबिटीज फुट के मरीजों को हो जाती है। कभी-कभी इसमें मरीज की मौत भी हो जाती है, जान बचाने के लिए कई बार मरीज के हाथ या पैर काटने पड़ जाते हैं। संक्रमण से बचने के लिए इस वार्ड में मरीजों को आइसोलेटेड रखने की जरूरत पड़ती है।

पुरानी आथरेपेडिक ओपीडी और फिजियोथेरेपी ओपीडी की जगह सेप्टिसीमिया वार्ड बनाया जाएगा। इसमें महिला और पुरुष वार्ड बनाने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है।

बलरामपुर जिला अस्पताल में जल्द ही चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगने वाले हैं। सुरक्षा की दृष्टि से अस्पताल में कुल 78 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे जाएंगे जो कि सभी महत्वपूर्ण विभागों में लगाए जाएंगे। वहीं इन सभी कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए एक रूम भी बनाया जाएगा।

अस्पताल में वर्तमान में केवल न्यू ओपीडी ब्लॉक में ही सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जल्द ही प्रशासनिक भवन से लेकर पैथोलॉजी, क्षेत्रीय निदान केंद्र और समेत सभी विभागों में कैमरे लगाए जाएंगे। वहीं वार्ड के बाहर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। उपस्थिति के लिए अस्पताल में बायोमीटिक मशीनें भी लगाई जा रही है।

अस्पताल के निदेशक डॉ.ईयू सिद्दीकी ने बताया कि स्टाफ और डॉक्टरों को समय पर आने के लिए अब बायोमीटिक उपस्थिति लगाई जाएगी। अस्पताल के कुछ प्रमुख विभागों में कुल 10 बायोमीटिक मशीनें लगाई जाएंगी। इसके अलावा पुरानी लाइटों को बदलकर एलईडी लाइटें भी लगाई जा रही हैं।

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