गाँधी जी की राह चले रामदेव

सूती वस्त्र उज्जैन| योगगुरु बाबा रामदेव ने कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हाथ से बने सूती वस्त्र पहनने का संकल्प लिया है। वह अब तक हाथ और मशीन, दोनों से बने सूती वस्त्र पहनते रहे हैं।

सूती वस्त्र को दें अहमियत

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान निनौरा में चल रहे तीन दिवसीय ‘विचार महाकुंभ’ के दूसरे दिन कृषि और कुटीर उद्योग पर आयोजित सत्र में शुक्रवार को रामदेव ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए कुटीर उद्योग की वस्तुओं को अपनाना होगा।

उन्होंने कहा कि वह अब तक हाथ और मशीन से बने सूती वस्त्र पहनते रहे हैं, मगर आज से संकल्प लेते हैं कि सिर्फ हाथ से बने सूती कपड़े ही पहनेंगे।

पतंजलि ब्रांड के स्वामी ने आगे कहा कि कुटीर उद्योग का बहुत बड़ा क्षेत्र है और यह जरूरी है कि इसे आम जनता प्रोत्साहित करे। यह काम सरकारों के बस का नहीं है।

उन्होंने कहा, “अगर हम गांव में बने सामान का ही उपयोग करने लगें तो इसका लाभ कर्मकारों के साथ देश को भी होगा, क्योंकि तब देश की मुद्रा बाहर नहीं जाएगी।”

आटा नूडल्स के प्रचारक ने लोगों का आह्वान किया कि वे भी कुटीर उद्योग की तरफ बढ़ें और जो लोग प्रशिक्षण हासिल करके शैम्पू, साबुन वगैरह बनाना चाहते हैं, उन्हें वह प्रशिक्षण देंगे।

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