सुप्रीम कोर्ट के आर्डर के बाद भी बीजेपी ने नहीं तोड़ने दिया मंदिर

सुप्रीम कोर्टनई दिल्‍ली। देश में बाबरी विध्‍वंस का बवाल अभी खत्‍म भी नहीं हुआ है कि बीजेपी ने एक बार फिर एक मंदिर को लेकर बड़ा स्‍टैंड लिया है। इस बार ये मामला उत्‍तर प्रदेश से नहीं बल्कि छत्‍तीसगढ़ का है। यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भगवान हनुमान का एक अवैध मंदिर गिराने की कार्रवाई तो शुरू की गई लेकिन राज्‍य की बीजेपी सरकार ने इस कार्रवाई को फौरन बंद करा दिया।

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सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ऑर्डर

मंदिर गिराने से रोकने के मामले में पहली बार कांग्रेस पार्टी भी बीजेपी के साथ खड़ी नजर आई। इसके साथ ही बीजेपी को शिव सेना, बजरंग दल और विश्‍व हिंदू परिषद का साथ भी मिला। इन सभी पाटियों के लोग मंदिर को तोड़ने से रोकने के लिए महादेव घाट पर एकत्रित हो गए। यह मंदिर भी इसी जगह पर ही स्थित है। तीन जुलाई को मंदिर को तोड़ने की इस कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा था।

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इससे पहले 15 मई को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से छत्तीसगढ़ के महादेव घाट पर बने इस मंदिर और 19 दुकानों को हटाने के ऑर्डर मिले थे। यह मंदिर छगन लाल गोविंद राम ट्रस्ट की तरफ से बनाया गया था। इस ट्रस्ट के प्रमुख विधान सभा के स्पीकर गौरी शंकर अग्रवाल हैं। कोर्ट के ऑर्डर में इस मंदिर को अवैध बताया गया था।

इस मुद्दे ने ज्यादा तूल इसलिए पकड़ लिया क्योंकि यह विधानसभा के स्पीकर के ट्रस्ट ने बनाया था और उसके प्राण प्रतिष्ठान में सीएम रमन सिंह भी पहुंचे थे। मई में सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद बीजेपी के 34 विधायकों ने राज्य सरकार को मंदिर बचाने के लिए चिठ्ठी भी लिखी थी।

विधायकों की मांग को अनसुना करते हुए जिला प्रशासन की एक टीम रविवार (3 जुलाई) को मंदिर गिराने के लिए पहुंची थी। लोगों की भीड़ के आगे बेबस प्रशासन ने हालात बिगड़ने के डर से प्लान कैंसल कर दिया। इस मुद्दे पर फिलाहल सीएम रमन सिंह जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने के पक्ष में नजर आ रहे हैं वहीं बीजेपी के कई विधायक समेत कांग्रेस भी मंदिर को गिरने नहीं देना चाहती। अब सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर पर अगली कार्रवाई कब और क्या होगी यह साफ नहीं है।

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