स्मृति का सर्वे अटैक बढ़ाएगा कांग्रेस की मुश्किलें

सर्वेनई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समय समय पर गांधी खानदान की मुश्किलें बढ़ाती रहती हैं। मानव संसाधन मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल स्कूल ऑफ ओपन स्कूलिंग ने एक सर्वे में पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा और सामाजिक स्तिथि का आकलन किया है। ये सर्वे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाने वाला है|

अमेठी और रायबरेली की बदहाली के लिए यहां से चुने गए प्रतिनिधियों (गांधी परिवार) को इस सर्वे में मुख्य वजह बताया गया है। अमेठी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं।

सर्वे अटैक बढ़ाएगा मुश्किलें

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, ‘अमेठी में मूलभूत सुविधाओं का बेहद अभाव है। यहां के कई परिवारों ने अपने बच्चे दूसरी जगहों पर अपने रिश्तेदारों के यहां छोड़े हैं। जिससे उनके बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मिल सकें’।

रिपोर्ट में लिखा है, ‘इस क्षेत्र ने देश की राजनीति में कई बड़े नेताओं को अपने प्रतिनिधि के रुप में चुन कर भेजा, इसके बावजूद क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है’।

सर्वे में अमेठी के ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों की स्थिति बहुत ही खराब बताई गयी है और शिक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई गयी है| सर्वे के मुताबिक अमेठी में 2498 स्कूल हैं जिनमें से 54 बिना शिक्षक के हैं।

इस रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा गया है, ‘रायबरेली जिला यूपी की राजधानी के मुहाने पर है और यहां से राष्ट्रीय राजमार्ग भी गुजरते हैं, तब भी जिले का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हो सका। इससे समझा जा सकता है कि यहां लोगों को कितनी परेशानी उठानी पड़ रही है’।

रिपोर्ट में पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया, अमेठी और अंबेडकर नगर की दशा को भी गंभीर बताया गया है| लेकिन सबसे ज्यादा चिंता का विषय अमेठी के शैक्षिक माहौल को बताया गया है।

रिपोर्ट में साफ़ कहा गया है, ‘अमेठी में 11 बार एक ही परिवार से संबंधित व्यक्ति भारतीय संसद का प्रतिनिधित्व करते रहे जो कि देश की सबसे बड़ी पार्टी से संबंधित थे। फिर भी विकास के सभी आयामों पर यह क्षेत्र सर्वाधिक पिछड़ा हुआ है’। वहीँ, गोरखपुर और बलिया क्षेत्रों को अमेठी की तुलना में कहीं ज्यादा विकसित बताया गया है|

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