हमारे सपनों का मर जाना होता है सबसे खतरनाक, जाने क्यों…

अवतार सिंह संधू ‘पाश’ इंकलाबी पंजाबी कवि थे। उनकी तुलना भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद से की जाती रही है। 23 मार्च 1988 को 38 साल की उम्र में खालिस्तानी आतंकवादियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी, उनकी कविताओं में तल्खी और राजनीतिक संदेश होते थे।

हमारे सपनों का मर जाना होता है सबसे खतरनाक, जाने क्यों...

पेश है एक श्रद्धांजलि

सबसे खतरनाक होता है

मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती
गद्दारी और लोग की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती
बैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो है
सहमी सी चुप में जकड़े जाना बुरा तो है
पर सबसे खतरनाक नहीं होता

मकर संक्रांति के दिन ये काम करने से खुलेगा किस्मत का ताला, चमकेंगे तारे

सबसे खतरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना
तड़प का ना होना सब सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आ जाना
सबसे खतरनाक होता है
हमारे सपनो का मर जाना

हमारे सपनों का मर जाना होता है सबसे खतरनाक, जाने क्यों...

हमेशा के अंधेरे बंद दरवाजे चौखट ऊपर चिपक जाते हैं
सबसे खतरनाक वह दिशा होती है
जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए

मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती
गद्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती।

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