जनरल साहब! शिकायत पेटी में ही न सिसकती रह जाएं जवानों की आहें

 शिकायतों को सोशल मीडियानई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जवानों से अपनी शिकायतों को सोशल मीडिया पर न उठाने का आग्रह करते हुए शुक्रवार को कहा कि वे शिकायत करने के लिए नई शिकायत निवारण प्रणाली का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। जनरल रावत ने सेना मुख्यालय, कमान मुख्यालय तथा निचले स्तर के कार्यालयों में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ र्रिडेसल एंड ग्रीवान्स बॉक्स’ नामक शिकायत पेटी रखने की घोषणा की। वहीं कयास यह भी लगाये जा रहे हैं कि सैनिकों की आहें केवल सुझाव पेटी में ही सिसकती न रह जाएं।

इन पेटियों के माध्यम से जवानों की शिकायतें सीधे सेना प्रमुख के पास पहुंचेगी। एक वीडियो में लांस नायक यज्ञ प्रताप द्वारा ‘सेना के अधिकारियों पर जवानों के शोषण’ का आरोप लगाने के एक दिन बाद रावत की यह टिप्पणी सामने आई है।

रावत ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “कोई भी सैनिक, चाहे वह किसी भी रैंक पर हो, शिकायत पेटी में अपनी शिकायत डाल सकता है। इन पेटियों के माध्यम से उठाए गए मुद्दों को मैं खुद देखूंगा।”

सेना प्रमुख ने कहा कि इन पत्रों के माध्यम से उठाई गई शिकायतों का निवारण उनके (सेना प्रमुख के) नजदीकी अधिकारी करेंगे और शिकायत को कार्रवाई के लिए भेजे जाने से पहले उससे शिकायतकर्ता का नाम हटा दिया जाएगा।

रावत ने जवानों से सेना के वरिष्ठ नेतृत्व में भरोसा रखने की अपील की और वादा किया कि शिकायतकर्ता की पहचान छिपाने के साथ ही समस्या का सही तरीके से समाधान करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

हालांकि उन्होंने कहा, “अगर शिकायतकर्ता कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता है, तो वह शिकायत के अन्य माध्यमों को चुन सकता है।”

रावत ने सोशल मीडिया को एक ‘दोतरफा हथियार’ करार दिया।

सहायक प्रणाली के बारे में बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि यह केवल सहायता के लिए है। लांस नायक प्रताप ने इसी प्रणाली के खिलाफ आवाज उठाई है।

उन्होंने यह भी कहा कि लांस नायक प्रताप ड्राइवर था और उसने कभी सहायक के रूप में काम नहीं किया।

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