बड़ा खुलासा : विपक्ष के साथ हुआ धोखा, ऐन वक्त पर बदल गए पांसे, कोविंद को मिली जीत

विपक्ष के साथ हुआ धोखानई दिल्ली राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने 65.65 प्रतिशत वोट पाकर विपक्ष समर्पित मीरा कुमार को बड़े अंतर से शिकस्त दी। हालांकि विपक्षी दलों की एकजुटता को पहले ही झटका लग चुका था, जब नीतीश कुमार ने कोविंद का समर्थन किया था। केवल बिहार ही नहीं बल्कि चुनाव के नतीजे कई राज्यों में कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग को उजागर करते हैं। चुनाव नतीजों के मुताबिक, रामनाथ कोविंद ने 7,02,044 मत हासिल किए जबकि मीरा कुमार के खाते में 3,67,314 वोट आए।

दो सिख उग्रवादियों को मिली जमानत, 1981 में विमान अपहरण का था आरोप

जिन राज्यों में रामनाथ कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग हुई उनमें महाराष्ट्र प्रमुख है। राज्य में कांग्रेस और एनसीपी के मिलाकर कुल 83 विधायक हैं लेकिन मीरा कुमार के खाते में 77 विधायकों के वोट आए। यानी कम से कम 6 विधायकों ने रामनाथ कोविंद के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के 185 विधायक हैं लेकिन कोविंद को मिला 208 विधायकों का समर्थन एनडीए की मजबूती को दर्शाता है। एनडीए न सिर्फ अपने मतों को एकजुट रखने में कामयाब रहा बल्कि उसे कई छोटे दलों और निर्दलीयों का समर्थन भी मिला है।

मीरा कुमार को समर्थन देने वाले केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के 65 विधायकों फिर भी उन्हें 55 विधायकों के वोट मिले हैं। कोविंद को 6 विधायकों के वोट मिले जबकि यहां भाजपा के सिर्फ चार विधायक हैं। आप के लिए राहत की बात यह है कि बागी विधायकों के बावजूद वह 55 विधायकों को एकजुट रखने में कामयाब रही है।

गुजरात  में कांग्रेस के 57 और एनसीपी के दो विधायक हैं लेकिन यहां मीरा कुमार को सिर्फ 49 विधायकों के वोट मिले। जाहिर है कि गुजरात में कम से कम 10 विधायकों ने पार्टी लाइन से इतर जाकर मतदान किया।

गोवा में जहां कांग्रेस के 16 विधायक हैं, वहां भी मीरा कुमार के हिस्से में सिर्फ 11 वोट आए। यहां भी कांग्रेस अपने ही विधायकों को एकजुट रखने में नाकाम रही। गोवा में छोटे दलों का समर्थन न जुटा पाने की वजह से ही कांग्रेस वहां सरकार बनाने से चूक गई थी।

उत्तर प्रदेश के नतीजे और भी हैरान करने वाले है। राज्य में एनडीए के कुल 325 विधायक हैं लेकिन रामनाथ कोविंद को यूपी से 335 विधायकों का समर्थन मिला है। यानी यहां भी विपक्षी दलों में कम से कम 8 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।

राष्ट्रपति चुनाव में मिली सफलता पर बोले कोविंद… ‘उम्मीद नहीं थी यहां तक पहुंचने की’

पश्चिम बंगाल में 273 विधायकों ने मीरा कुमार को वोट देकर अपनी एकजुटता जरूर दिखाई लेकिन यहां 10 विधायकों के वोट अमान्य करार दिए गए हैं। भाजपा के बंगाल में सिर्फ तीन विधायक हैं लेकिन कोविंद को यहां भी 11 विधायकों का समर्थन मिल गया।

राष्ट्रपति चुने गए रामनाथ कोविंद चुनाव परिणामों के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में 174 विधायकों में से 171 ने कोविंद को वोट दिया। बाकी तीन विधायकों के वोट अमान्य करार दिए गए हैं। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के 7 और सीपीआई का एक विधायक है।

बिहार में जदयू के रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद लालू प्रसाद यादव की राजद और कांग्रेस की एकता कायम रही है। दोनों पार्टियों के राज्य में 107 विधायक है जबकि मीरा कुमार को 109 विधायकों के वोट मिले हैं। जदयू की मदद से कोविंद को बिहार से 130 विधायकों का साथ मिला।

संसद के कुल 768 सदस्यों में से 522 ने रामनाथ कोविंद और 225 ने मीरा कुमार को वोट दिया है। 21 सांसदों के वोट अमान्य करार दिए गए हैं। राष्ट्रपति चुनाव का संपूर्ण परिणाम यहां देखा जा सकता है।

बता दें रामनाथ कोविंद को कुल वोट 10,98903 में से 702044 मिले हैं जबकि मीरा कुमार को 367314 वोट मिले। राष्ट्रपति बनने के लिए कोविंद को 5,52,243 वोट चाहिए थे। देश की 31 विधानसभाओं के 4120 एमएलए में से 10 सीट खाली हैं और एक विधायक अयोग्य है। इस तरह 4,109 विधायकों को वोट डालना था, लेकिन 4,083 ने वोटिंग की यानि, कुल 99.37% वोटिंग हुई।

देखें वीडियो :-

LIVE TV