मुंबई बम ब्लास्ट में मरने वाला पहुंचा नामांकन करने, गले में तख्ती लटका लिखा ‘मैं जिंदा हूं’

विधानसभा चुनावलखनऊ। हर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी का अपना एक अलग मुद्दा होता है। कोई विकास की बात करता तो कोई शिक्षा की, कोई महिला सुरक्षा की बात करता है तो कोई स्वच्छता की। पर यूपी विधानसभा चुनाव में वाराणसी के शिवपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला करने वाले इस व्यक्ति का मुद्दा बेहद हैरान कर देने वाला है।

दरअसल पिछले नौ साल से कागजों में मृत घोषित संतोष मूरत सिंह लगातार खुद को जिंदा करने का अथक प्रयास कर रहे हैं। इस बार भी इन्होंने खुद को जिंदा करने के लिए वाराणसी के शिवपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला करते हुए बुधवार को नामांकन दाखिल किया है।

विधानसभा चुनाव लड़ने पहुंचा ‘मुर्दा’

चुनाव में उतरे संतोष ने क्षेत्र के विकास या किसी दूसरे मुद्दे के लिए नहीं बल्कि खुद को जिंदा साबित करने के लिए ये फैसला लिया है।

आपको बता दें कि संतोष को उनके अपनों ने ही मृत घोषित करते हुए गांव में उनकी तेरहवी भी कर दी है। उनकी ज़मीन-जायदाद पर अपना कब्ज़ा कर लिया है। मृत घोषित करने वालों ने कहा था कि संतोष मुंबई बम ब्लास्ट में मर चुके हैं। संतोष चौबेपुर के छितौनी गाँव का रहने वाले हैं, पर वो मुंबई में रहते थे। इनके माता-पिता बचपन में मर चुके हैं।

संतोष दिल्ली के जंतर मंतर पर भी धरना दे चुके हैं। और पिछले साल सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मुलाक़ात कर अपना दुख बयां कर चुके हैं। जिसके बाद राजधानी में मुकदमा दर्ज भी हुआ लेकिन पिछले नौ साल से अपने जिन्दा होने की लडाई लड़ने वाले संतोष को न्याय अभी तक नहीं मिल पाया है। संतोष के वकील दीपक मिश्रा का कहना है की संतोष को मृत घोषित करने वालों ने मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया है।

आपको बता दें कि संतोष इसके पहले भी चुनाव में नामांकन दाखिल कर चुके हैं लेकिन वैध नहीं माना गया था। अगर इस बार उनका नामांकन वैध साबित होता हैं तो इनके जिंदा होने का प्रमाण शासन को देना पड़ेगा। संतोष जब नामांकन के लिए जा रहे थे तो उन्होंने अपने गले में एक तख्ती लटकाई थी जिसपर लिखा था ‘मैं जिंदा हूं’।

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