विकास दुबे गैंग के पचास हजार ईनामी ने किया बड़ा खुलासा

कानपुर। कानपुर गोलीकांड के पचास हजार के ईनामी उमाकांत शुक्ला ने शनिवार को थाने में जाकर आत्म समर्पण कर दिया था। जिसके बाद पचास हजार ईनामी ने कई  बड़े खुलासे किए हैं। उसका कहना है कि विकास दुबे अपनी बदशाहत कायम रखने के लिए किसी भी हद को पार करने को तैयार रहता था।


दो जुलाई को कानपुर जिले ने हुए गोल कांड में अब सरेंडर करने वाले ईनामी बदमाश उमाकांत ने कई खुलासे किए हैं। उमाकांत के मुताबिक, उस का घर उस शौचालय के सामने है जहां पर पांच सिपाहियों के शव रखे गए थे। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह प्रवीन की छत पर बंदूक के साथ मौजूद था। सिपाहियों को खोज खोजकर मारा गया था। उसके बाद उनके शवों को घसीटकर शौचालय में एक के ऊपर एक रखा गया। जिसके बाद विकास दुबे ने मिट्टी के तेल का पीपा मंगा लिया था। वह सिपाहियों के शव को जला देना चाहता था। मगर कुछ साथियों ने उसे रोक लिया था। 

इसके अलावा उमाकांत ने पुलिस को बताया कि विकास दुबे गैंग में वह भी शामिल था। उसने अपने बयान में कहा, ”विकास दुबे बहुत ही राक्षसी प्रवृत्ति का आदमी था। अमर, प्रभात, जिलेदार, रामसिंह और अतुल दुबे समेत कई लोग इस हत्याकांड में शामिल थे। दर्जनों गांवों में विकास का आतंक था। उसकी रजामंदी के बिना कोई प्रधान नहीं बन सकता था।


उमाकांत के सिर पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। उमाकांत थाने में जब सरेंडर करने पहुंचा तो उनकी पत्नी और बच्चे भी साथ थे। उमाकांत उन 21 वांछित लोगों में शुमार था, जिनकी पुलिस बिकरू हत्याकांड के बाद से तलाश कर रही थी। उमाकांत शुक्ला ने पुलिस से कहा मेरा नाम उमाकांत शुक्ला उर्फ गुड्डन है। कानपुर कांड में मैं विकास दुबे के साथ शामिल था। मुझे पकड़ने के लिए रोज पुलिस छापेमारी कर रही है, जिससे मैं बहुत डरा हुआ हूं। हम लोगों द्वारा जो घटना की गई थी, उसकी हमें बहुत आत्मग्लानि है। मैं खुद पुलिस के सामने हाजिर हो रहा हूं। मेरी जान की रक्षा की जाए, मुझ पर रहम किया जाए।

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