वर्ल्ड कप : दुनिया के नंबर-1 बल्लेबाज़ की कप्तानी की होगी अब असली परीक्षा !

दुनिया के नंबर-1 बल्लेबाज (टेस्ट और वनडे) विराट कोहली लगातार अपने अच्छे प्रदर्शन से महान खिलाड़ियों की फेहरिस्त में शामिल हो चुके हैं, लेकिन इंग्लैंड में होने वाला वर्ल्ड कप भारतीय कप्तान के रूप में अपनी छाप छोड़ने का मौका होगा.

ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान कोहली ऐसी टीम की अगुवाई करेंगे, जिसकी अपनी कुछ समस्याएं हैं. लेकिन वह मैच का रुख बदलने वाली टीमों से जरा भी कम नहीं है, जो बड़े टूर्नामेंट के लिए जरूरी चीज होती है.

भारतीय टीम विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत 5 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करेगी. टीम 25 और 28 मई को क्रमश: न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच खेलेगी.

चौथे नंबर पर कौन बल्लेबाजी करेगा? क्या केदार जाधव ठीक हैं? हालांकि ऑलराउंडर जाधव को फिट घोषित कर दिया गया है. तीसरा तेज गेंदबाज या फिर अतिरिक्त ऑलराउंडर? कुलदीप या चहल या फिर दोनों? विश्व कप में कोहली की काबिलियत बतौर बल्लेबाज से ज्यादा बतौर कप्तान देखी जाएगी.

इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय कप्तान इस सात हफ्ते तक चलने वाले टूर्नामेंट में काफी अहम होंगे जिसमें उनके 11,000 रन पार करने की उम्मीद है और वह कुछ और शतक भी अपने 41 सैकड़ों में जोड़ना चाहेंगे.

इंग्लैंड में पिचें ‘पैनकेक’ की तरह सपाट होने वाली हैं तो रोहित शर्मा अपनी शानदार बल्लेबाजी की बदौलत कुछ और बड़े शतक जमा सकते हैं. हो सकता है कि इसमें चौथा दोहरा शतक भी शामिल हो जाए, लेकिन इसके लिए उपकप्तान को यही फॉर्म जारी रखना होगा.

टीम में शिखर धवन भी हैं, जिन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय आगाज के बाद से आईसीसी प्रतियोगिताओं में कभी भी खराब प्रदर्शन नहीं किया है और वह भी इस रिकॉर्ड को बरकरार रखना चाहेंगे.

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परेशानियां इसके बाद से शुरू होती हैं और यह ऐसी चीज है जो टीम शीर्ष तीन खिलाड़ियों के कई मौकों पर अच्छे प्रदर्शन के बावजूद पेपर पर सुलझाने में असफल रही है.

और वो है चौथे नंबर का स्थान, अंबति रायडू के इस स्थान की दौड़ में असफल होने के बाद यह चर्चा का विषय बना हुआ है और ऋषभ पंत को भी टीम में जगह नहीं मिल सकी है.

वहीं उनकी जगह दिनेश कार्तिक के अनुभव को तरजीह दी गई. विजय शंकर या विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के इस स्थान पर खेलने की उम्मीद हैं. लेकिन जो भी खेलेगा, उसे जिम्मेदारी से खेलना होगा.

महेंद्र सिंह धोनी का अंतिम वर्ल्ड कप अभियान उनके असंख्य प्रशंसकों के लिए भावनात्मक होगा, लेकिन 70 के स्ट्राइक रेट और 35वें से 50वें ओवर के बीच लगातार अंतराल पर तेजी से रन जुटाने की काबिलियत से प्रतिद्वंद्वी टीमों की दिलचस्पी बनी रहेगी.

छठे नंबर पर केदार जाधव होंगे. जिनके 5 जून तक पूरी तरह फिट होने की उम्मीद लगाई जा रही है, जिस दिन भारतीय टीम साउथेम्पटन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अभियान की शुरूआत करेगी. जाधव 22 मई को टीम इंडिया के साथ इंग्लैंड के लिए रवाना हो रहे हैं. हालांकि 14 आईपीएल मैचों में जाधव का लचर प्रदर्शन चिंता का विषय होगा.

सातवें नंबर पर हार्दिक पंड्या की बहुमुखी प्रतिभा के टूर्नामेंट के दौरान अच्छे इस्तेमाल की उम्मीद है. डेथ ओवरों में छक्के जड़ने की उनकी क्षमता खेल का परिदृश्य को बदल सकती है.

भारतीय टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं ने पिछले दो वर्षों में कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल काफी जोर दिया है जिन्होंने भी अच्छी सफलता हासिल की है.

लेकिन भारत में पिछली वनडे सीरीज खेलने आई ऑस्ट्रेलियाई टीम इन दोनों की गेंदबाजी को समझने में सफल रही जिसमें युवा एश्टन टर्नर (विश्व कप टीम में शामिल नहीं) ने मोहाली में, जबकि उस्मान ख्वाजा और एरॉन फिंच ने रांची में उनके खिलाफ बेहतर खेल दिखाया.

कुलदीप की आईपीएल में फॉर्म अच्छा नहीं रही, जिसके कारण उन्हें आईपीएल अंतिम एकादश से भी बाहर कर दिया गया. वर्ल्ड कप टीम में शामिल भारतीय खिलाड़ियों से वह एकमात्र ऐसे क्रिकेटर थे जो आईपीएल में अंतिम एकादश से बाहर हुए.

लेकिन जसप्रीत बुमराह टीम में मौजूद हैं जो आने वाले वर्षों में भारत के महानतम मैच विजेताओं में शुमार होंगे. वहीं मोहम्मद शमी की स्विंग अप-फ्रंट और बुमराह की डेथ ओवर में यॉर्कर ऐसा जानदार मिश्रण तैयार करती है जो विपक्षी टीमों के लिए मारक साबित होगा.

9 लीग मैचों में से छह में जीत हासिल करना सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करने के मद्देनजर सही साबित हो सकता है.

 

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