वकील की हत्या के बाद राजधानी में वकीलों में रोष, पुलिस प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

रिपोर्टर — शिवा शर्मा

लखनऊ – लखनऊ में देर रात वकील की हत्या के बाद वकीलों में रोष देखने को मिला और सड़को पर उतरे साथी वकीलों ने पुलिस प्रशाशन के खिलाफ नारेबाजी भी की।  परिजनों का आरोप है की पुलिस की मिलीभगत से चल रहे गांजे के व्यापार पर रोकथाम के चलते रंजिश ने शिशिर त्रिपाठी की हत्या को अंजाम दिया गया है |

लखनऊ पुलिस के ऑपरेशन मिड के बीच सरेराह 32 वर्षीय शिशिर त्रिपाठी की ह्त्या कर दी गयी और किसी को भनक तक न लगी। .. देर रात पेशे से वकील शिशिर की ह्त्या उस वक्त हुई जब सड़को पर पुलिस अपराधियों की धरपकड़ के लिए तैनात थी।

बताया जा रहा है की कृष्णानगर थाना क्षेत्र के दमोदरनगर इलाके में धारधार हथियार और ईट-पत्थर और लाठी डंडो से लैस होकर बदमाशों ने उसे मौत के घाट उतार दिया और मौके से फरार हो गए। . घटना की सूचना पुलिस को कई घंटे बाद लगी तो आनन-फानन में कार्यवाई का ज़ोर दिखाया परिजनों के बयान के मुताबिक पुलिस में हत्याकांड में शामिल मोनू तिवारी ,विनायक ठाकुर कशिश समेत कई अन्य पर एफआईआर दर्ज की और ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए 2 लोगो को गिरफ्तार किया है।

लेकिन अन्य लोगो तक पुलिस अभी भी पहुंचने में नाकाम है। .. परिजनों के मुताबिक कृष्णानगर के मुरदईया क्षेत्र में पुलिस गठजोड़ से अवैध गांजे का व्यपार मोनू तिवारी नाम का शख्श रैकेट के साथ चला रहा था। . और समाज सुधारक के तौर पर पेशे से वकील शिशिर उसके खिलाफ था।

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कई बार शिकायतों पर कार्यवाई नहीं हुई तो मोनू तिवारी से उसकी सीधी रंजिश हो गयी।

और कई समय से मोनू शिशिर को अपने रास्ते से हटाने के लिए मौका ढूंढ रहा था। और कल रात मोनू अपने साहियो के साथ शिशिर को बुलाकर बात करने के बहाने उसकी ह्त्या कर दी और इस सनसनी ख़ेज़ हत्याकांड को अंजाम दे डाला। . परिजनों का आरोप है की वक्त रहते पुलिस की कार्यवाई का डण्डा चला होता तो आज शिशिर ज़िंदा होता।

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