रॉबर्ट वाड्रा की जाँच कर रहा आयोग असंवैधानिक

रॉबर्ट वाड्रा नई दिल्ली| हरियाणा में भूमि सौदों की जांच कर रहा आयोग असंवैधानिक है, क्योंकि विधानसभा से इसके लिए मंजूरी नहीं ली गई है। एक विपक्षी नेता ने बुधवार को यह बात कही। आयोग उस मामले की भी जांच कर रहा है, जिसमें कथित तौर पर सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा शामिल हैं।

रॉबर्ट वाड्रा के जाँच के लिए कैबिनेट से मंजूरी नहीं ली गई है

इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता दुष्यंत चौटाला ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हरियाणा सरकार द्वारा गठित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ढींगरा आयोग असंवैधानिक है, क्योंकि इसे एक गजट अधिसूचना द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आदेश दिया है, जिसके लिए न तो कैबिनेट से मंजूरी ली गई है और न ही विधानसभा से।” चौटाला ने कहा, “कोई भी जांच आयोग गठित करने से पहले संसद के दोनों सदनों या विधानसभा से एक औपचारिक प्रस्ताव पारित करने की जरूरत होती है और तभी एक गजट अधिसूचना प्रकाशित की जा सकती है।” उन्होंने कहा, “राज्य सरकार इतनी बड़ी गलती कैसे कर सकती है? मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए।”

चौटाला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हरियाणा में कांग्रेस के शासन में हुए भूमि सौदों की जांच में गंभीरता न बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को आयोग ने दो बार बुलाया, लेकिन आज की तारीख तक वे एक बार भी उसके समक्ष पेश नहीं हुए, क्योंकि वे जानते हैं कि आयोग संवैधानिक है ही नहीं। चौटाला ने कहा कि डीएलएफ और वाड्रा की कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटलिटी सहित सैकड़ों निजी कंपनियों को वाणिज्यिक लाइसेंस देने की जांच के लिए साल 2015 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस.एन.ढींगरा जांच आयोग गठित किया गया था। इनेलो नेता ने सत्तारूढ़ भाजपा तथा विपक्षी कांग्रेस पर हरियाणा में गठजोड़ का आरोप लगाया। चौटाला ने कहा, “राज्यसभा चुनाव में 12 विधायकों के मतों को अमान्य करार देने की घटना से यह साबित हो गया है।”

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