रेल हादसों पर लगाम, सरकार ने अपनाई ख़ास टेक्नोलॉजी

रेलनई दिल्ली। रेल यात्रा को सुखद और सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे बोर्ड ट्रेन संचालन एवं सुरक्षा संबंधी तकनीकी में लगातार सुधार कर रही है। इसके चलते रेलवे बोर्ड ने एक और अहम फैसला लिया है। अब पैसेंजर कोच को आपस में जोड़ने के लिए सेंट्रल बफर कपलर लगाए जाएंगे। पहले से लगे साइड बफर हटा दिए जाएंगे। बोर्ड की ओर से यह आदेश देश में संचालित सभी 24 यांत्रिक कारखानों को दे दिए गए हैं। इससे ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर कोच में बैठे यात्रियों की जान को खतरा कम होगा और कोच भी एक-दूसरे पर नहीं चढ़ेंगे।

कानपुर में ट्रेन डिरेल होने के बाद तमाम कोच एकदूसरे पर चढ़ गए थे, कई यात्रियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। वहीं सैकड़ों लोग गंभीर घायल हुए थे। इससे सबक लेते हुए रेलवे बोर्ड ने मालगाड़ी की तरह यात्री कोच में भी सेंट्रल बफर कोच लगाने के निर्देश दिए हैं। यात्री कोच में पहले से लगे साइड बफर एवं कपलिंग को हटाया जाएगा, क्योंकि बड़ी दुर्घटना होने पर साइड बफर झटका नहीं सह पाते थे। इससे कपलिंग भी टूट जाती थी।

यह भी पढ़ें – टीम इंडिया की जीत के लिए रोजेदारों ने की दुआ

रेलवे बोर्ड से अभी कुछ पैसेंजर कोच में सेंट्रल बफर सिस्टम (सीबीएस) लगाने के आदेश हैं। भविष्य में सभी कोच में सीबीएस लगाने की संभावना है।

पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर यांत्रिक कारखाना में यात्री कोच में सेंट्रल बफर कपलर लगाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं, अक्टूबर में काम शुरू होने की उम्मीद है। यहां पीरिओडिकल ओवरहॉलिंग को आने वाले कोच में सेंट्रल बफर कोच लगाए जाएंगे। इससे पहले यह व्यवस्था मालगाड़ी के वैगन में होती थी।

सेंट्रल बफर कोच के फायदे

कोच में यात्र कर रहे यात्रियों को झटके नहीं लगेंगे। दुर्घटनाग्रस्त होने के बावजूद कोच एकदूसरे से अलग नहीं होंगे और एक-दूसरे पर नहीं चढ़ेंगे।

LIVE TV