राजधानी में बदहाल गौ आश्रय केंद्र, भूख प्यास और धूप से तड़पती रहतीं हैं गायें
Report:- Abhishek Yadav/Lucknow
राजधानी में आवारा पशुओं से किसानों को राहत देने के लिए खोले गए गौ आश्रय केंद्रों से हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई है जो आपकी रूह कंपा देंगी भूख प्यास और धूप से तड़पती इन गायों की तस्वीरे सरकार के दावों की पोल खोलने के लिए काफी है.
भूख से तड़पते इन बेजुबानो की आवाज और बेदम अवस्था मे दम तोड़ती इन गायों की तस्वीरे आपको झकझोर देगी कहने को तो ये गौशालाये खोल दी गई. लेकिन इनको देख कर आप कब्रिस्तान ही कहेंगे.
क्योंकि यहां हर रोज यह बेजुबान जानवर भूख प्यास से और धूप की तेज तपिश के कारण तड़प कर दम तोड़ रहे हैं.
यहाँ न इनके खाने को चारा है न पीने को पानी और जिम्मेदार अधिकारी कागजों में गौ सेवा आश्रय केन्द्र चलाने का दावा कर रहे हैं।ऐसे ही कुछ केंद्रों का जब लाइव टुडे ने जायजा लिया तो दिल को झकझोरने वाली तस्वीर सामने आई।
सबसे पहले हम पहुँचे राजधानी के गोसाईगंज स्थित बसरहिया गाँव के गौ आश्रय केंद्र जहां पर यह मवेशी पकड़कर बंद किए गए हैं लेकिन इस गौ आश्रय केंद्रों पर ना तो चारे की कोई व्यवस्था है.
ना ही पीने के पानी की यहां पर बन्द इन जानवरों के लिए छाया भी पर्याप्त नही है जिससे गर्मी और कड़क धूप में यह मवेशी खुले आसमान के नीचे पड़े हुए दर्द से व्याकुल होकर दम तोड़ रहे हैं और इन दम तोड़ते बेजुबानों के आश्रय केंद्रों को जिम्मेदार अधिकारी सुविधाओ से लैस बता रहे है.
लेकिन कैमरे में कैद भूख और दर्द से कराहते हुए बहते अंशुओ के साथ खाली पड़ी इन बेजुबानों की चरही की तस्वीरें सरकारी नुमाइंदों की पोल खोलने के लिए काफी हैं।
इसके बाद हम पहुंचे गोसाईंगंज के कपेरा मदार पुर गांव के पास बने गौ आश्रय केंद्र पर यहां पर भी स्थिति पहले जैसी ही देखने को मिली यहां पर भी भूख और प्यास से तड़पती गाय दिखी.
इसके अलावा इस केंद्र पर भी किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई केंद्र पर मौजूद गौ पालक से जब बात की गई तो बताया की हर रोज भूख और प्यास से यहां पर जानवर दम तोड़ रहे हैं और जिम्मेदार आला अधिकारी कागजों में गौ आश्रय केंद्र चलाने के दावे कर रहे है।
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हमारी पड़ताल जारी रही इसके बाद हम पहुँचे गोसाईंगंज के ही मोहम्मदपुर गढ़ी गांव में बने केंद्र पर जहाँ पर चारा पानी और छाव की व्यवस्था न होने के कारण यहां पर लाये गए मवेशियों को केंद्र से खदेड़ दिया गया.
यहाँ पर एक भी पशु नही मिला आस पास मौजूद किसानों ने बताया लगातार पशु भूख प्यास से दम तोड़ रहे थे इसलिए उन्हें पशु आश्रय केंद्र से छोड़ दिया गया हैं जो अब फिर से किसानों के लिए परेशानी का सबब बने हैं।
अब ऐसे में देखने वाली बात होगी सरकार गौ आश्रय केंद्रों पर भूख और प्यास से दम तोड़ रहे बेजुबानों को लेकर के क्या कुछ कवायद और लापरवाह बने सरकारी जिम्मेदार नुमाइंदों पर क्या कार्रवाई करती है जिससे गौ आश्रय केंद्रों की स्थिति में सुधार हो सके।