योगी आदित्यनाथ के पास यूपी में जो फार्मूला वो किसी और के पास नहीं

योगी आदित्यनाथलखनऊ : राजनीति में सभी फैसले नफा और नुकसान को ध्यान में रखने के बाद लिए जाते हैं। यूपी चुनाव में भी सारी राजनैतिक पार्टियों ने इस बात को ध्यान में रखकर अपने फैसले ले रही हैं। यूपी में दशकों का वनवास झेल रही बीजेपी ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। इनकी लिस्ट में सीएम उम्मीदवार के तौर पर बड़ा नाम है योगी आदित्यनाथ।

यूपी की राजनीति में सभी दल जातीय समीकरण बैठाने में लगे हैं। सत्ता में बैठी समाजवादी पार्टी हमेशा की तरह इस बार भी यादव और मुस्लिम वोट बैंक पर नजर बनाए रहेगी। जबकि बहुजन समाज पार्टी का दलित वोट बैंक अकेले सब पर भारी पड़ता है। कांग्रेस ने तो अपने सीएम उम्मीदवार का ऐलान भी कर दिया।

बसपा सिर्फ दलितों ही नहीं सवर्ण सहित अन्य पिछड़ी-अति पिछड़ी जातियों के लोग जुटाने की दमदार लड़ाई लड़ती है। लोकसभा चुनाव से इतर होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का सवर्ण वोट बैंक भी अब बिखर चुका है।

योगी आदित्यनाथ में है दम

बीते 14 साल से यूपी की सत्ता से बाहर चल रही बीजेपी के खिलाफ यहां का यही जातीय समीकरण विलेन बना हुआ है। ऐसे में यूपी में सिर्फ योगी आदित्यनाथ ही हिंदुत्व के दम पर पार्टी को जिताने की क्षमता रखते हैं।

अगर पार्टी योगी को सीएम कैंडिडेट घोषित करती है तो वह सपा-बसपा के पक्ष में बने जातीय समीकरण को मात दे सकते हैं। योगी धार्मिक आधार पर जातियों की सीमा तोड़कर हिंदू वोट अपने पाले में कर सकते हैं। इन्हीं सब वजहों से योगी की बतौर सीएम मजबूत दावेदारी है।

योगी आदित्यनाथ के सीएम उम्मीदवार बनने से भाजपा को भले फायदा हो जाए मगर अब तक भाजपा को कुछ मिल रहे मुस्लिम वोट से हाथ भी धोना पड़ सकता है।

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