राम का नाम हुआ असत्य, चुनाव से पहले छिन जाएगी भाजपा की पहचान

मोदी भी लपेटे मेंनई दिल्ली। विधानसभा चुनाव को लेकर हो रहे सियासी बवाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लपेटे में आते दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस ने गुरुवार को बीजीपी की ओर से लगातार ‘भगवान श्री राम’, ‘अयोध्या’, ‘राम राज्य’, ‘हनुमानजी’, और ‘भरत’ शब्दों का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई है। इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करा दी है। इसके साथ ही भाजपा के चुनाव चिन्ह को भी जब्त करने की मांग की है। बता दें इससे पहले भाजपा ने भी कांग्रेस पर ऐसा ही आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से चुनाव चिन्ह जब्त करने की मांग की थी।

मोदी भी लपेटे में आए…

लखनऊ स्थित चुनाव आयोग के दफ्तर में पार्टी नेता केसी मित्तल ने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि पीएम और बीजेपी चुनावी आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन कर रही है। साथ ही चुनाव आयोग से बीजेपी का चुनाव चिन्ह जब्त करने की मांग की।

कांग्रेस का आरोप है कि 12 जनवरी को प्रधानमंत्री ने रामायण दर्शन प्रदर्शनी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया और उन्होंने अपने संबोधन को चुनावी अभियान में बदल दिया। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पीएम लोगों को भड़काने के लिए भगवान श्री राम, अयोध्या, रामराज्य, हनुमानजी और भरत का बार-बार जिक्र किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में कहा था कि श्रीराम भारत के कण-कण में हैं। जन-जन के मन में हैं। और इसलिये जब हम श्रीराम के विषय में सोचते हैं, तो श्रीराम एक आदर्श पुत्र-भाई-पति, मित्र और आदर्श राजा थे।

पीएम ने आगे कहा कि अयोध्या भी एक आदर्श नगर था तो रामराज्य एक आदर्श शासन व्यवस्था थी। इसलिए भगवान राम और उनके राज्य का आकर्षण समय-समय पर देश की महान शख्सियतों को अपने तरीके से रामायण की व्याख्या करने के लिए प्रेरित करता रहता है। इन व्याख्याओं की झलक अब रामायण दर्शनम में मिलेगी।
पीएम ने अपने संबोधन में कहा था कि जब रामजी को देखते है तो व्यक्ति का विकास, व्यवस्था का विकास ये बातें सहज रुप से नजर आती है।

उन्होंने कहा कि राम रावण को हरा कर बड़े नहीं बने, बल्कि राम तब राम बने जब उन्होंने उन लोगों को साथ लिया जव सर्वहारा थे। साधनहीन थे। उन्होंने उन लोगों का आत्म गौरव बहाल किया और उनमें विजय का विश्वास पैदा किया। भगवान राम के जीवन में उस भूमिका को स्वीकार नहीं किया जो उनके वंश द्वारा जो परम्पराएं थीं। मूल्यों के प्रति जीवन का समर्पण क्या होता है। राम ने उसे जी कर दिखाया था। जब रामजी को देखते हैं तो व्यक्ति का विकास, व्यवस्था का विकास ये बातें सहज रूप से नजर आती हैं।

हनुमान जी की चर्चा करते हुए पीएम ने कहा था कि हनुमान जी यानि सेवा, हनुमान जी यानि समर्पण भक्ति का वो रुप था। जिसमें सेवा ही परम धर्म बन गया था। जब वो समुद्र को पार कर रहे थे तो मैनाक पर्वत उन्हें बीच में विश्राम देना चाहता था। लेकिन संकल्प सिद्धि से पहले हनुमान जी के लिए शिथिलता की कोई गुंजाइश नहीं थी। अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक उन्होंने आराम नहीं किया।

इससे पहले बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। प्रतिनिधिमंडल में शामिल मंत्रियों प्रकाश जावेड़कर और मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था राहुल गांधी अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न ‘हाथ’  को विभिन्न धार्मिक भावनाएं से जोड़ा। इसलिए आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में कांग्रेस का चुनाव चिह्न सीज किया जाए।

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