पाकिस्तान से आई मशाल को मिली नई उम्मीद

मशाल माहेश्‍वरीनई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्‍तान छोड़कर भारत आई इस लड़की का सपना अब मोदी सरकार पूरा करने की तैयारी में है। इस पूरे मामले पर विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने खुद संज्ञान लिया है। उन्‍होंने ट्वीट कर मशाल माहेश्‍वरी से कहा कि ‘मेरी बच्‍ची निराश होने की जरूरत नहीं है। मैं मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के तुम्‍हारे मामले को निजी तौर पर देखुंगी।

मशाल माहेश्‍वरी को मिली नई उम्‍मीद

मशाल माहेश्‍वरी वही लड़की हैं जिनके पूरे परिवार ने नरेंद्र मोदी के पीएम बनते ही पाकिस्‍तान छोड़ दिया था और राजस्‍थान के जयपुर में रहने लगे थे। मशाल ने 12वीं की परीक्षा में 90 से ऊपर का परशेंटेज हासिल किया था। इसके बाद उनकी ख्‍वाहिश डॉक्‍टर बनने की थी। लेकिन उनकी ये ख्‍वाहिश अधूरी ही रह गई।

दरअसल मशाल के पास भारत की नागरिकता नहीं है और न ही वह प्रवासी भारतीय है। इसलिए वह ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्‍ट का फॉर्म भी नहीं भर सकती थीं। क्‍योंकि इस टेस्‍ट में बैठने के लिए आपके पास भारतीय नागरिकता हो या आप प्रवासी भारतीय होने चा‍हिए।

इसके बाद मशाल के माता-पिता ने उसे एडमिशन दिलाने की काफी कोशिशें की, इसके लिए उन्‍होंने राजस्‍थान सरकार से भी अपील की। लेकिन इस मामले में उनकी मदद किसी ने नहीं की। इसके बाद मशाल के इस मामले की भनक मीडिया को लग गई और बात केंद्र सरकार तक पहुंच गई। मशाल ने मीडिया से कहा था कि उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलवाया जाए। पाकिस्तान से आई मशाल ने पूछा था कि उसका कसूर क्या है, वह अपना सपना क्यों पूरा नहीं कर सकती? मशाल मेडिकल की तैयारी के लिए दो साल से कोचिंग ले रही थी, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि भारत में सरकारी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में सिर्फ भारतीय ही पढ़ सकते हैं।

वहीं इस पूरे मामले पर अब भारत सरकार ने संज्ञान लिया है। इसको लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने खुद मशाल को अश्‍वासन दिया है कि उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है। वह खुद अब इस पूरे मामले को देखेंगी।

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