…तो भारत नहीं रह जाता ब्रिक्स का हिस्सा

भारत को ब्रिक्सटोरंटो| ब्रिक्स देशों में भारत की सबसे तेज विकास दर की सराहना करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को यहां कहा कि संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के शासनकाल में ऐसी खबरें आ रही थीं कि भारत को भारत को ब्रिक्स से बाहर निकाला जा सकता है।

जेटली ने टोरंटो विश्वविद्यालय के रोटमन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में एक संगोष्ठी के दौरान कहा, “तीन साल पहले जब भारत में पिछली सरकार के अंतर्गत वृद्धि दर की गति घटने लगी थी, तो ऐसी संभावना थी कि मैंने पढ़ा था कि ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों से भारत को हटाया जा सकता है।”

उन्होंने कहा कि अब ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवस्था अपनी चुनौतियों से जूझ रही है, जबकि भारत में स्थिति बदल गई है।

उन्होंने कहा, “संभवत: हम ब्रिक्स देशों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं। अवसंरचना बैंक (नया विकास बैंक) बन रहा है, परियोजनाओं को मदद मिल रही है, प्रारंभिक राशि प्रदान की जा रही है। हालांकि यह शुरुआती चरण में है। इसकी पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत सहयोग के एक महत्वपूर्ण स्तर पर है और यह अच्छा काम कर रहा है।”

कनाडा के आधिकारिक दौरे पर आए जेटली ने सोमवार को कनाडा के वित्तमंत्री बिल मोरनेयू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री क्रिस्टीया फ्रीलैंड से मुलाकात की।

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