बीजेपी करती है दलित प्रेम का दिखावा : शंकराचार्य

बीजेपी का दलित प्रेममथुरा। द्वारकापीठ और शारदापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि बीजेपी का दलित प्रेम सिर्फ दिखावा है| उनका कहना है कि दलितों के साथ नेताओं का भोजन करना सिर्फ राजनीति का हिस्सा है|

बीजेपी का दलित प्रेम है झूठ

उन्होंने कहा कि नेताओं का दलितों के साथ उज्जैन में क्षिप्रा नदी में स्नान करना भी राजनीति से प्रेरित था| नदियों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर जाति, धर्म या वर्ण के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए|

शंकराचार्य ने सवाल उठाते हुए कहा कि कोई भी नेता बिना पूर्व सूचना के दलितों के साथ भोजन क्यों नहीं करता?

वहीं, बिसहड़ा मामले में रिपोर्ट सामने आने के बाद की स्थिति पर स्वरूपानंद ने कहा, ‘मैं मानता हूँ कि कानून को अपने हाथ में लेने का हक़ किसी को नहीं है’|

यूपी सरकार को आड़े हांथों लेते हुए उन्होनें कहा, ‘जब कोई ब्राह्मण मरता है, तो सरकार को सहिष्णुता नहीं दिखती लेकिन जब कोई अल्पसंख्यक मरता है तो चिल्लाने लगते हैं। सरकार अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं पूरी करती। जब गौहत्या पर प्रतिबंध है, तो फिर कोई ऐसा क्यों करता है’।

उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा के एक बड़े हिस्से से असम और पश्चिम बंगाल को लगातार गायों की तस्करी की जा रही है। जब गौहत्या बंद है तो इस तरह के कामों से सरकार की विफलता झलकती है|

 

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