प्रशांत किशोर छोड़ेंगे कांग्रेस की डूबती कश्ती

प्रशांत किशोरनई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और कांग्रेस के रिश्तों में खटास पैदा हो गयी है। प्रशांत को उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी डूबती कश्ती को किनारे लगाने के लिए प्रशांत के हांथों में पार्टी के लिए रणनीति तय करने की जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन कुछ कारणों से प्रशांत और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ गयी हैं।

प्रशांत किशोर को चाहिए आजादी

ख़बरों की माने तो, प्रशांत किशोर अपने ढंग से आने वाले चुनाव में कांग्रेस की रुपरेखा तय करना चाहते हैं लेकिन उन्हें पार्टी की तरफ से पूरी आजादी नहीं मिल पा रही है। इसलिए वो जल्द ही कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं।

कांग्रेस ने प्रशांत की रणनीति देखकर उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए हायर किया था। इससे पहले प्रशांत ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए परदे के पीछे रहकर मोदी को देश की सत्ता दिलाने में अहम रोल निभाया था लेकिन अमित शाह से तवज्जो न मिलने के कारण उनका बीजेपी से मोह भंग हुआ और उन्होंने जेडीयू का दामन थाम बिहार चुनाव में नीतीश को दोबारा सत्ता में लाने में बड़ा योगदान दिया।

मीडिया में आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत अपने तरीके से काम करने की आजादी नहीं मिलने को लेकर अपनी नाराजगी जताते रहे हैं। लेकिन उनकी शिकायतों और सलाहों को दरकिनार किया जाता रहा।

कांग्रेस के किशोर की बातों पर ध्यान न देने के चलते उनके एक करीबी सूत्र का कहना है कि पानी अब सिर से ऊपर हो चुका है, इसलिए प्रशांत कांग्रेस की ली हुई जिम्मेदारी अब और नहीं निभा सकते हैं।

दरअसल, सूत्रों से जानकारी मिली है कि, कांग्रेस के कई नेता आपसी मतभेद के चलते प्रशांत की मदद नहीं कर रहे हैं। ये लोग उन्हें बाहरी मानकर उनके काम में दखलंदाजी करते हैं।

2017 के चुनाव के लिए प्रशांत नई टीम चाहते थे लेकिन कई नेता ऐसे हैं जिन्होंने प्रशांत की मांग पर ध्यान ही नहीं दिया। इसको लेकर प्रशांत खफा हैं।

प्रशांत ने साफ तौर पर कहा था कि राहुल या प्रियंका गांधी को यूपी चुनाव के लिए सीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट किया जाना चाहिए। लेकिन इसे सिरे से कांग्रेस हाईकमान ने खारिज कर दिया।

प्रशांत किशोर ने जो रणनीति बनाई थी उसके तहत वो चाहते थे कि कमलनाथ, गुलाम नबी आजाद और शीला दीक्षित की एक टीम बनाई जाए, जो यूपी इलेक्शन का काम देखे। इस बारे में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। इससे भी प्रशांत खफा हैं।

वहीँ, दूसरी तरफ पंजाब को लेकर भी प्रशांत नाराज हैं। दो दिन पहले अमरिंदर सिंह ने तो साफ तौर पर कहा था कि उनके काम में प्रशांत टांग न अड़ाएं। एक इंटरव्यू में सिंह ने कहा था- मुझे मालूम है कि पंजाब में पार्टी को कैसे चलाना है। सूत्रों के मुताबिक, इस बयान के बाद प्रशांत बेहद नाराज हैं।

इसी मुद्दे पर पार्टी प्रवक्ता पीसी. चाको ने कहा, “प्रशांत क्या कह रहे हैं या उनका प्लान क्या है ये हम नहीं जानते। लेकिन हम सभी चाहते हैं कि वो चुनाव में हमारा साथ दें।”

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