पीडीपी सांसद तारिक कर्रा ने ज्वाइन की कांग्रेस, केंद्र सरकार पर लगाये गंभीर आरोप

नई दिल्ली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) छोड़ने के पांच माह बाद सांसद तारिक हमीद कर्रा शनिवार को यहां कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर के हालत से गलत तरीके से निपटने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है।

कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कर्रा ने कहा, “जब हमने 1999 में पीडीपी बनाई थी, हमारी बुनियादी घोषणा फासिस्ट ताकतों के खिलाफ थी और यह कि हम राज्य को किस तरह निद्रा से बाहर निकालें।”

उन्होंने कहा, “लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव बाद पीडीपी ने (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी से हाथ मिला लिया, जिनकी ध्रुवीकरण की राजनीति के खिलाफ उसने वोट मांगे थे।”

कर्रा ने कहा, “उस निर्णय के कारण मुझे मजबूरन पार्टी से दूर होना पड़ा।”

कर्रा ने यह भी कहा कि उन्होंने तब भी पीडीपी से दूरी बनाने की कोशिश की थी, जब मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें चेताना और सुझाव देना शुरू कर दिया था।”

उन्होंने कहा, “मैंने उनसे कहा था कि यह राज्य और भारतीय राजनीति के हित में नहीं है कि हम इस तरह के लोगों और इस तरह की पार्टियों को जगह दें, जो आजादी के पहले से ही देश के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने में लगे हुए हैं।”

उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह 2016 में राज्य के हालात से ठीक से नहीं निपट पाई।

उन्होंने कहा, “कश्मीर में जब 2016 में अशांति शुरू हुई, तब भाजपा-पीडीपी सरकार हालात और राज्य के लोगों से ठीक से निपट नहीं पाई।”

कर्रा ने आरोप लगाया, “उन्होंने लोगों को जेल में डाले, लोगों की हत्याएं की और यहां तक कि बच्चों को अंधा बनाया।”

कर्रा ने कहा, “इसलिए मेरी अंतरात्मा ने इजाजत नहीं दी कि मैं पीडीपी में बना रहूं और मैंने इस्तीफा दे दिया।”

कर्रा ने 16 सितंबर, 2016 को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

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