पहली बार प्रवर्तन निदेशालय ने सुनाया फैसला, पूर्व मंत्री को सुनाई 7 साल कैद की सजा

नई दिल्ली: झारखण्ड की मधु कोड़ा सरकार के समय मंत्री रहे हरिनारायण राय को मनी लॉन्ड्रिंग करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सात साल कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है जुर्माना न भरने पर राय को डेढ़ साल की अतिरिक्त सजा भी भुगतनी पड़ेगी।

 

सात साल से चल रही सुनवाई के बाद आज ईडी की विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री को सजा सुनाई। आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में राय पांच साल से जेल में है और सजा काट रहे हैं।

 

ऐसा पहली बार हुआ है जब मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे किसी आरोपी को ईडी की विशेष अदालत ने सजा सुनाई  है।

 

पूर्व मंत्री राय पर 4.83 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था मधु कोड़ा सरकार में राय ने अकूत संपत्ति जुटाई थी। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए राय ने कहा कि ‘मेरा राजनीति में आने का कोई मकसद नहीं था। मैं सिर्फ पैसा कमाना चाहता था ताकि मैं उसे इन्वेस्ट कर सकूं और चुने हुए विधायक को जो सुविधाएं मिलती हैं, उन्हें पा सकूं’।

 

राय के खिलाफ सितम्बर 2009 को पहली बार झारखंड में ईडी मे मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। उनपर आरोप था कि 2005 से 2008 के बीच उन्होंने अवैध तरीके से 4 करोड़ 33 लाख 77 हजार रुपए की प्रॉपर्टी बनाई। राय ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम पर ये अवैध संपत्ति इन्वेस्टमेंट की थी।

 

जिसपर ईडी ने कार्रवाई करते हुए हरिनारायण की करोड़ों की सपत्ति जब्त की थी ईडी ने उन पर धारा 420, 423, 424, 120बी के उल्लंघन का आरोप लगाया था।

 

अक्टूबर 2009 में ईडी ने उनसे पूछताछ शुरू की और नवंबर 2011 में उनके खिलाफ आरोप तय किए गए। ईडी ने राय पर कुल 83 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है।

 

ये है राय का इतिहास

 

हरिनारायण राय जरमुंडी विधानसभा से एमएलए बने थे इसके पहले वे मछली पालन किया करते थे राय की परिवारिक  हालत भी अच्छी नही थी।

मंत्री बनने से पहले हरिनारायण राय ने अपने अकाउंट में सिर्फ 5 हजार रुपये की राशि घोषित की थी एवं इस  दौरान उनके पास कोई गाड़ी नहीं थी मंत्री बनते ही राय के बैंक अकाउंट में करोड़ो रूपए जमा हुए और देखते ही देखते वो 6 गाडियों के मालिक हो गए।

 

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