आरबीआई व वित्त मंत्रालय के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे बैंक

नकद पैसा जमा करने से इंकारहापुड़। केंद्र सरकार द्वारा गत आठ नवंबर से बंद किए गए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के बदले नए नोट दिए जाने व पुराने जमा किए जाने की घोषणा के बावजूद जनपद हापुड़ के कुछ बैंक आयकर विभाग में आईडीएस योजना में अपनी आय की घोषणा कर चुके लोगों से चालान के साथ नकद पैसा जमा करने से इंकार कर रहे हैं।

नकद पैसा जमा करने से इंकार

इससे नोट बंद किए जाने से पहले लागू की गई आईडीएस योजना पूरी तरह फ्लॉप होती दिखाई दे रही है।

हापुड़ टैक्स बार ऐसोसिएशन ने इस संबध में मांग करते हुए कहा है कि एसबीआई, पीएनबी व इलाहाबाद बैंक को सख्त आदेश दिए जाएं कि योजना का लाभ लेने वाले सभी लोगों का पैसा नकदी रूप में जमा करें।

केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 के पुराने नोट बंद किए जाने के बाद हापुड़ जनपद में एसबीआई, पीएनबी व ईलाहाबाद बैंक पहले से लागू की गई आईडीएस योजना के तहत अपनी आय की घोषणा कर चुके लोगों से आयकर विभाग के चालान के साथ नकदी के रूप में 500 और 1000 रुपये के नोट जमा करने से इंकार कर रहे हैं, जो पूरी तरह आरबीआई व वित्त मंत्रालय के आदेशों का उल्लंघन है।

हापुड़ टैक्स बार ऐसोसियशन के अध्यक्ष अधिवक्ता संजय कौशिक ने बताया, “केंद्र सरकार द्वारा गत आठ नवंबर से बंद किए गए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के बदले नए नोट दिए जाने व बैंकों में पुराने नोट जमा करने के आदेशों के बावजूद जनपद हापुड़ के एसबीआई, पीएनबी व ईलाहाबाद बैंक आयकर विभाग में आईडीएस योजना में अपनी आय की घोषणा कर चुके लोगों से चालान के साथ नकद पैसा जमा करने से इंकार कर रहे हैं।”

इस योजना में लाभ लेने वाले लोगों के सरकार द्वारा घोषित आंतिम तारीख 30 नवंबर नजदीक आ रही है, जिसके चलते लाभार्थी लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होने केंद्र सरकार से उक्त तीनों बैंकों के अधिकारियों को पुराने नोटों के साथ आयकर विभाग के चालान जमा करने के आदेश देने व उनके लिए एक अलग से काउंटर खोलने की मांग करते हुए कहा कि तीनों बैंकों के इस रवैये के कारण आईडीएस योजना पूरी तरह फ्लॉप हो जाने के कगार पर पंहुच गई है। और अगर ऐसा हुआ तो सरकार को मिलने वाला लगभग दस करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को नहीं मिल पाएगा।

संजय कौशिक द्वारा एसबीआई, पीएनबी व इलाहाबाद बैंकों पर लगाए आरोपों की पुष्टि के लिए जब संवाददाता द्वारा उन्हें फोन मिलाया गया तो किसी भी प्रबंधक ने फोन नहीं उठाया।

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