NSUI के अध्यक्ष ने कहा- ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ अगर रिलीज हुई तो नतीजे भुगतने को तैयार रहना

भोपाल। 11 जनवरी को रिलीज़ हो रही फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ रिलीज़ से पहले ही सुर्खियों में बनी हुई है। इस पर विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है बल्कि कांग्रेस और उसके विरोधियों के लिए यह फिल्म राजनीतिक मुद्दा बन गयी है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने खुले तौर पर धमकी दी है कि अगर यह फिल्म रिलीज़ हुई तो सिनेमाघर मालिकों को उसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

फिल्म को लेकर यह चेतावनी मध्य प्रदेश एनएसयूआई के अध्यक्ष विपिन वानखेड़े ने दी ही। उन्होंने फेसबुक के ज़रिए इस फिल्म को भारतीय जनता पार्टी का प्रोपेगेंडा बताया है। साथ ही कहा है कि अगर गलत तथ्यों और घटनाओं वाली यह फिल्म सिनेमाघरों के मालिक दिखाएंगे तो वह उसके नतीजे भुगतने को तैयार रहें।

हालांकि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अभी तक फिल्म को बैन नहीं किया है। गुरुवार रात भाजपा के ट्विटर हैंडल से इसका ट्रेलर पोस्ट किया गया था। वहीं कल कांग्रेस ने अपने पार्टी प्रवक्ताओं को आदेश दिया है कि वह इस फिल्म को लेकर कोई बयान न दें।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बनी फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ रिलीज़ हो रही है। जिसके लिए कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगा रही है कि कांग्रेस की छवि को बिगाड़ने के लिए फिल्म का इस्तेमाल किया जा रहा है।

क्योंकि यह फिल्म संजय बारु की किताब पर आधारित है और संजय मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार थे।

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संजय जब ये किताब लिख रहे थे उस वक्त प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनकी आलोचना की थी और इसे राजनीति से प्रेरित बताया था। संजय ने अपनी इस किताब में दावा किया था कि मनमोहन सिंह ने उनसे कहा था, “इससे गड़बड़ी फैलती है। मुझे मानना पड़ेगा कि पार्टी अध्यक्ष (सोनिया गांधी) सत्ता का केंद्र हैं। सरकार पार्टी के प्रति जवाबदेह है।”

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