भारतीय पत्रकार मोबाइल इंटरनेट के जरिए कर रहे रियो का सीधा प्रसारण

टीवी पत्रकारितारियो डी जनेरियो: स्मार्टफोन और तेज स्पीड वाली 4जी इंटरनेट की सुविधा ने टीवी पत्रकारिता का काम काफी आसान कर दिया है। टीवी पर सीधा प्रसारण करने का यह सबसे सूक्ष्म साधन बन चुका है।

टीवी पत्रकारिता के बदलते आयाम

एक समय था जब टीवी पर सीधे प्रसारण के लिए बड़े-बड़े कैमरों से लदे कैमरामैन, एक ध्वनि रिकार्ड करने वाले व्यक्ति के साथ एक लाइटमैन और पत्रकार की जरूरत होती थी और तब किसी को अंदाजा भी नहीं था प्रौद्योगिकी भविष्य में क्या करवट लेने वाली है।

लेकिन कुछ चुनिंदा लोगों ने अंदाजा लगा लिया था कि 4जी कनेक्शन वाले आईफोन के साथ फेसबुक और फेसटाइम के जरिए एक समय टीवी पर खबरों का सीधा प्रसारण किया जा सकेगा।

खेल चैनल ईएसपीएन और उसकी वेबसाइट के पत्रकार गौरव कालरा ने बताया, “मैं पीडी170 डिजिटल कैमरा लेकर अकेले यह सारा कुछ नहीं कर सकता था। लेकिन तेजी से विकसित हो रही मोबाइल प्रौद्योगिकी की ही देन है कि टीवी पत्रकारिता के लिए सीधे वीडियो और ध्वनियां भेजना अब पहले से काफी सुविधाजनक और कम खर्च में संभव हो गया है।”

उन्होंने कहा, “इससे प्रसारण करने योग्य उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें और ध्वनियां कैद की जा सकती हैं और इसके जरिए कोई सीधा प्रसारण भी कर सकता है।”

कालरा यहां से लगातार बेंगलुरू में टीवी के लिए खबरें भेज रहे हैं।

स्मार्टफोन प्रौद्योगिकी के इस बदलाव का सबसे अधिक लाभ भारतीय पत्रकार उठा रहे हैं। कई देशों के कई टीवी पत्रकार यहां अभी भी बड़े-बड़े डिजिटल कैमरों का उपयोग कर रहे हैं और कुछ शुद्धतावादी विचार के पत्रकार तो स्मार्टफोन के जरिए टीवी पत्रकारिता करने को निची निगाह से देखते हैं।

सर्बिया के समाचार चैनल ‘रेडियो टेलीविजन सर्बिया’ की पत्रकार सांजा जुविसाजेविक हमेशा अपने साथ कैमरापर्सन ले कर चलती हैं। उन्होंने बताया, “मैंने आईफोन से कुछ खबरें शूट की हैं, लेकिन मैं अभी भी बड़े कैमरे पसंद करती हूं। मेरा मानना है कि यह ज्यादा पेशेवर है। आप मुझे पुरातनपंथी कह सकते हैं लेकिन प्रसारण के लिए मोबाइल प्रौद्योगिकी गुणवत्ता के मामले में कमतर ही है।”

एक दशक से पूर्व वीडियो कैसेट वाले बीटाकैम कैमरों का उपयोग करने वाले पत्राकारों के बीच भी कुछ इसी तरह का नजरिया था, जिनका मानना था कि नई प्रौद्योगिकी वाले डिजिटल कैमरे उतने पेशेवर नहीं हैं।

भारतीय समाचार चैनल ‘महाराष्ट्र 1’ के पत्रकार संदीप चव्हाण बताते हैं, “गुणवत्ता मुद्दा नहीं है। हम स्टूडियो में अपने कार्यक्रम और परिचर्चा भी अब मोबाइल फोन के जरिए करने लगे हैं।”

उन्होंने कहा, “अगर गुणवत्ता अच्छी है और आवाज सही है तो हमें नवीन प्रौद्योगिकी का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए।”

सीएनएन-आईबीएन के मराठी चैनल को छोड़कर अपनी खुद की मीडिया कंपनी खोलने वाले संदीप ने कहा कि 4जी इंटरनेट के साथ बदलाव काफी भरोसेमंद हो गया है।

उन्होंने बताया, “हम सैमसंग नोट4 और स्थानीय अधिक मेमोरी क्षमता वाले चिप के साथ के साथ साढ़े तीन घंटों तक कार्यक्रम कर चुके हैं।”

केरल के समाचार-पत्र ‘माध्यमम’ के दुबई संस्करण ‘गल्फमाध्यमम’ के दुबई के ब्यूरो चीफ एम. फिरोज खान ने कहा, “मोबाइल फोन से खबरें करने का यह हमारा पहला प्रयास है। यह बहुत आसान है। हर कोई इसे बिना प्रशिक्षण के कर सकता है।”

यहां तक कि दुनिया का अग्रणी समाचार चैनल ‘बीबीसी’ भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान आईफोन के जरिए टेलीविजन प्रसारण कर चुका है।

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