…तो मिल गया जीका का तोड़

जीका वायरस का क्लोनवाशिंगटन| अमेरिकी शोधकर्ताओं ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पहली बार जेनेटिक इंजीनियरिंग की सहायता से अमेरिका में फैले जीका वायरस का क्लोन विकसित करने में सफलता हासिल की है।

अमेरिका की युनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच (यूटीएमबी) के शोधार्थियों ने बताया कि इस शोध की सहायता से जीका संक्रमण के लिए टीके और चिकित्सा विकास में मदद मिलेगी।

जीका वायरस का क्लोन

इस शोध के लिए यूटीएमबी के अध्ययनकर्ताओं ने प्रोफेसर पेई यांग शी के नेतृत्व में पहली बार जीका वायरस के पांच जीनोम खंडों को निर्मित किया और उसके बाद उन्हें एक साथ संयोजित किया।

इसके बाद अध्ययनकर्ताओं ने क्लोन के परीक्षण के लिए जीका माउस मॉडल को क्लोन वायरस से संक्रमित करवाकर मस्तिष्क संबंधी रोग का संप्रेषण किया।

शी कहते हैं, “यह जीका का क्लोन मच्छर संक्रमित मॉडल और यूटीएमबी जीका माउस मॉडल के साथ यह समझने में मददगार होगा कि यह वायरस इतने गंभीर रोगों से कैसे जुड़ा हुआ है।”

उन्होंने बताया, “यह नया क्लोन जीका वायरस के खिलाफ टीका और एंटीवायरल दवाओं के निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।” यह शोध जर्नल सेल होस्ट एंड माइक्रोब में प्रकाशित हुआ है।

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