जानिए एजुकेशन लोन से छात्र कैसे पूरा कर सकते हैं विदेश में पढ़ाई करने का सपना
नई दिल्ली : अप्रैल का महीना हायर एजुकेशन के लिए काफी महत्तवपूर्ण माना जाता है। वहीं इस महीने से नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो जाती है। छात्र अपने लिए हायर एजुकेशन के लिए विकल्प तलाशने लगते हैं तो परिजनों के लिए सबसे बड़ी चुनौती पैसों का इंतजाम करना होता है। पिछले कुछ दशकों पर नजर डालें तो शिक्षा का खर्च लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में एजुकेशन लोन प्रतिभाशाली छात्रों के लिए बेहद मददगार साबित हो सकता है।
बता दें की एजुकेशन लोन के जरिए छात्र किसी भी कॉलेज के किसी भी कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। यानी कि वो अपने पसंदीदा कॉलेज और कोर्स का चयन कर सकते हैं। हायर एजुकेशन के लिए बैंक या एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) से एजुकेशन लोन मिलता है।
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जहां इस तरह का लोन उन भारतीय नागरिकों को मिलता है, जिन्होंने किसी पेशेवर या तकनीकी कोर्स में दाखिला लिया हो या फिर मैरिट के आधार पर उनका देश या विदेश के किसी संस्थान में चयन हुआ हो।
दरअसल देश में हायर एजुकेशन के लिए बैंक 10 लाख रुपये और विदेशों में जाकर पढ़ने के लिए 20 लाख रुपये तक का लोन देते हैं। हायर एजुकेशन लोन के लिए सबसे पहली शर्त ये है कि छात्र का भारतीय निवासी होना जरूरी है, साथ में उसने देश या विदेश के किसी कॉलेज में दाखिला ले रखा हो।
आईआईटी, आईआईएमएस, एम्स और आईएसबी जैसे प्रमुख संस्थानों के लिए, बैंक अक्सर एक विशेष ब्याज दर पर बड़ा लोन देते हैं। ग्रेजुएशन लोन के आवेदन करने के लिए 10वीं और 12वीं की मार्कशीट और और पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स के लिए ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट की कॉपियां जमा करनी पड़ती हैं।
दस्तावेज जमा करते समय वेरिफिकेशन के लिए ओरिजिनल सर्टिफिकेट्स दिखाने पड़ते हैं। आप जिस संस्थान में प्रवेश लेने की योजना बना रहे हैं उस संस्थान का एडमिशन लेटर भी जमा करना पड़ता है। वह इंस्टिट्यूट, यूजीसी और एआईसीटीई जैसी संस्थाओं द्वारा सर्टिफाइड होना चाहिए, या बैंक द्वारा एलिजिबल माना जाना चाहिए।
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