सुप्रीम कोर्ट को वाट्सऐप पर याचिका!

नई दिल्‍ली। क्या वाट्सऐप पर भेजे गए सन्देश को सुप्रीम कोर्ट याचिका मान सकता है? ऐसा ही एक मामला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर के पास आया।

चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर

 

चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर ने माना वाट्सऐप की याचिका

अमेरिका में वकील अशोक अरोड़ा ने एक व्हाट्सऐप मैसेज उन्हें भेजा था। इस मैसेज में लिखा था कि भारत में मौलिक कर्तव्यों के लिए नियम-कानून बनाए जाएं। साथ ही वकील, जज व राजनेता आदि अपनी ड्यूटी को सही से निभाएं।

पहले तो चीफ जस्टिस ने इस मैसेज को याचिका मानने से इनकार कर दिया। पर बाद में व्हाट्सऐप पर मिले इस मैसेज पर सुनवाई के लिए 9 मई की तारीख तय की गई।

संभवत: भारत के इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी व्हाट्सऐप मैसेज को याचिका मानने की बात सामने आई हो। हालांकि पहले चीफ जस्टिस ने इसे याचिका नहीं माना था। लेकिन वकील अशोक अरोडा का तर्क था कि पोस्टकार्ड में लिखी बात याचिका हो सकती है तो व्हाट्सऐप मैसेज क्यों नहीं।

हालांकि कोर्ट ने उनके तर्क को खारिज कर दिया। कोर्ट का कहना था कि लिखित में देने पर ही उनकी बात को याचिका माना जाएगा। इस पर अशोक अरोड़ा ने याचिका भी दाखिल की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया।

अरोड़ा ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने नागरिकों द्वारा संविधान में निहित मूलभूत कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने का मुद्दा उठाया था। अब नौ मई को इस मुद्दे पर कोर्ट में सुनवाई होगी।

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