गोवंश को लेकर भले ही प्रदेश सरकार गंभीर हो लेकिन जिले में हालात अब भी नहीं है ठीक

गोवंश को लेकर भले ही प्रदेश सरकार गंभीर हो लेकिन जिले में हालात ठीक नहीं है। अस्थाई गोशाला में गोवंश कीचड़ में रहने को मजबूर हैं। वहीं उन्हें भरपेट चारा भी नहीं मिल पा रहा है, गोवंशों की समस्या को देखते हुए अधिकारी भी पल्ला झाड़ लेते हैं। जिले में कुल 42 अस्थाई गोशाला हैं। वृहद गोशाला केंद्र उमरी में बना हुआ है, वहीं एक और केंद्र जैतापुर में निर्माणाधीन है।

सहायल : बिधूना तहसील क्षेत्र के सौथरा गांव के अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल में एक छोटा सा टीनशेड लगाया गया है। बारिश होने से गोशाला में इन दिनों गोवंश को कीचड़ और गंदगी के बीच रहना पड़ रहा है। अधिकांश गोवंश खुले आसमान के नीचे कीचड़ व गंदगी रहने को मजबूर हैं।

अछल्दा: पशुपालन विभाग द्वारा भले ही गोवंश को चारे के इंतजाम के दावे किए जा रहे हैं लेकिन गोवंश को भरपेट चारा भी नहीं मिल रहा है जिससे उनके पेट वे दुर्बल होते जा रहे हैं। पर्याप्त चारा न मिलने से गोवंशों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

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