जानें अच्छे-बुरे कोलेस्ट्रॉल के बीच अंतर और साथ ही इसे नियंत्रित करने के तरीके के…

क्या फर्क है Good और Bad कोलेस्ट्रॉल में? जानिए कैसे करें कंट्रोल…

बदलती लाइफस्टाइल के चलते सभी का खान-पान और रहन-सहन का तरीका बदल गया है। लोग इतना बिजी हो गए है कि वे अपनी ही सेहत को नज़रंदाज़ करने लगे है। जिस वजह से आपका शरीर कई बीमारी का शिकार बन रहा है। ऐसे में लोगों में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली बीमारी है, बढ़ता कोलेस्ट्रॉल। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना अब एक आम समस्या बन गई है।

अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल

कोलेस्ट्रॉल, शरीर के अंदर जमा चर्बी जैसा पद्धार्थ होता है, जो कोशिकाओं को उर्जा प्रदान करता है। शरीर में कोलेस्ट्रोल का होना एक सामान्य बात है लेकिन बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों को बढ़ावा देता है। बता दें कि कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है, गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) और बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल)। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि गुड़ व बैड कोलेस्ट्रोल क्या है और इसे कैसे कंट्रोल किया जाए।

से में लोगों में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली बीमारी है, बढ़ता कोलेस्ट्रॉल। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना अब एक आम समस्या बन गई है।

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गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL)

बता दें कि खून में पाए जाने वाले कोलेस्ट्रॉल का 20-25% हिस्सा गुड कोलेस्ट्रॉल (हाई डेन्‍सिटी लाइपो प्रोटीन्‍स) का होता है। इसमें प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है। एचडीएल को गुड कोलेस्ट्रॉल इसलिए भी कहते हैं क्योंकि शरीर में इसकी अधिकता दिल के दौरे से बचाती है। डॉक्टरों का कहना है कि यह धमनियों (arteries) से बैड कोलेस्ट्रोल को हटाने में मदद करता है जिससे वे ब्लॉक न हो पाएं।

अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल

बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL)

बैड कोलेस्ट्रोल (लो डेन्‍सिटी लाइपो प्रोटीन्‍स) का शरीर में बढ़ना हानिकारक है। इसमें प्रोटीन की मात्रा कम और फैट अधिक होती है। जब इसकी खून में मात्रा बढ़ जाती है तो यह हृदय और मस्तिष्क की धमनियों को ब्लॉक कर देता है। ऐसे में दिल का दौरा, धमनियों में रुकावट या स्ट्रोक जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में इसको नियंत्रित करना जरुरी होता है।

कितनी मात्रा में होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल?

शरीर में नार्मल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा (200 mg/dL या इससे कम) होनी चाहिए। बॉर्डर लाइन कोलेस्ट्रॉल (200 से 239 mg/dL) के बीच और हाई कोलेस्ट्रॉल (240mg/dL) होना चाहिए। गुड कोलेस्ट्रॉल कोरोनरी हार्ट डिसीज और स्ट्रोक को रोकता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कोशिकाओं से वापस लीवर में ले जाता है। लीवर में जाकर या तो यह टूट जाता है या फिर व्यर्थ पदार्थों के साथ शरीर के बाहर निकाल जाता है।

कैसे करें कंट्रोल?

धनिए के बीज

500 मि.ली पानी में 2 टेबलस्पून सूखी धनिए के बीज डालकर उबाल लें। ठंडा होने पर इसे छान लें और फिर इसे 3 भागों में बांटकर सुबह शाम पीएं। इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में रहेगा।

इसबगोल की पत्तियां

घुलनशील फाइबर होने के कारण इसबगोल की पत्तियों का सेवन भी कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है। साथ ही यह गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता भी है।

ग्रीन टी

एक शोध के अनुसार, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण ग्रीन टी कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मददगार है। ऐसे में दिनभर में कम से कम 2 कप ग्रीन टी जरूर पीएं।

लहसुन

लहसुन का सेवन भी शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके गुड़ कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। आप इसे शहद के साथ या भोजन में इस्तेमाल करके खा सकते हैं।

आंवला

1 गिलास गुनगुने पानी 1 टीस्पून आंवला पाउडर मिलाकर सुबह खाली पेट पीने से भी शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए आप आंवला का जूस भी पी सकते हैं।

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क्या न करें?

अगर आपको अपने बैड कोलेस्ट्रॉल को कम रखना है और गुड कोलेस्ट्रॉल को कांस्टेंट, तो जितना हो सके आप इन बातों को ज़रूर ध्यान में रखें।

  • पैक्‍ड फूड जैसे आलू के चिप्स, मैदे से बने उत्पादों में ट्रांस फैट बहुत ज्यादा होता है। इन सभी चीजों का इस्तेमाल ना करें।
  • कुकिंग ऑयल को बार-बार इस्तेमाल करने से ट्रांस फैट का स्तर काफी बढ़ जाता है।
  • रेड मीट, फुल क्रीम दूध और घी का इस्तेमाल ना करें।

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