कोरोना संक्रमण में जिले में मनरेगा से अधिक से अधिक मजदूरों को दिया रोजगार

कोरोना संक्रमण में जिले में मनरेगा से अधिक से अधिक मजदूरों को रोजगार दिया। जिसमें प्रवासी भी शामिल रहे। चार माह में 27 लाख मानव दिवस का सृजन कर मनरेगा ने प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाई, जिसके चलते जिले का चौथा स्थान रहा।

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कोराना काल में वित्तीय वर्ष में मनरेगा का कार्य मई माह में शुरू हुआ। प्रशासन ने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए। इसी क्रम में मनरेगा ने लगातार निर्माण कार्य कराए। जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय और प्रवासी मजदूरों को लगाया। जिससे इस संकट काल में उनके परिवार का पालन पोषण हो रहा हैं। जिले में कई योजनाए चलाई गई। जिसमें तालाबों की खोदाई, सोत व भैंसोर नदी का जीर्णोद्धार और खोदाई भी शामिल है। इसमें रोजाना तकरीबन 42 हजार से अधिक मजदूरों को रोजागार दिया जाता हैं। जिनका मानदेय जॉब कार्ड से खाते में पहुंच जाता है।

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मनरेगा से कराए गए कार्य

917- तालाबों की खोदाई

86 – ग्राम पंचायतों में सोत नदी पर काम

38- ग्राम पंचायतों में भैंसोर नदी पर काम

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वर्जन :

मनरेगा से अधिक से अधिक बेरोजगारों को रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा हैं। जिससे कोरोना संक्रमण में लोगों को काम के लिए भटकना न पड़े।

रामसागर यादव, उपायुक्त श्रम रोजगार

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