भारत समेत पूरी दुनिया के युवाओं के बीच मार्वल स्टूडियोज की 21वीं फिल्म ‘कैप्टन मार्वेल’ का जितना इंतजार हो रहा है, उतना शायद ही अब तक किसी दूसरी सुपर हीरो फिल्म का हुआ हो। कॉलेज की कैंटीन्स में मार्वल की थ्योरी पर चर्चा हो रही है। क्या कैप्टन मार्वेल दुनिया को थानोस से बचा लेगी? क्या निक फ्यूरी की ये नई खोज मार्वल सिनैटिक यूनीवर्स (एमसीयू) का अब तक का पूरा किस्सा ही बदल कर रख देगी?आखिर क्या है कैप्टन मार्वेल, जानने की कोशिश की ‘लाइव टू डे’ ने इस किरदार को परदे पर निभाने जा रही ऑस्कर विजेता अभिनेत्री ब्री लारसन से सिंगापुर में हुई एक खास मुलाकात में।
कैप्टन मार्वेल एमसीयू की पहली ऐसी महिला सुपरहीरो है जो अपनी जंग खुद अपने बूते लड़ने निकली है। आप महिला अधिकारों के लिए भी लड़ती रही हैं? आपकी निजी सोच ने इस किरदार को कितना प्रभावित किया है?
भाजपा के चालक अमित शाह ने खुद की तरह दिखने वाले शख्स को बनाया अपना ड्राइवर….
मेरा अपना ये मानना है कि हर अभिनेता के भीतर कुछ तो ऐसा होना चाहिए जो उनके सिनेमा में भी झलके। इससे आपके किरदार पर दर्शकों का भरोसा बढ़ता है। मैंने इस किरदार के लिए नौ महीने जबर्दस्त ट्रेनिंग ली है और फिल्म की शूटिंग में 75 दिन और लगे तो तकरीबन पूरा एक साल मेरे जीवन का इस फिल्म को समर्पित रहा है। ऐसे में खतरा इस बात का भी रहता है कि आप एक ही किरदार करते-करते चुक जाएं लेकिन ऐसे ही मौकों पर आपको अपनी गट फीलिंग पर भरोसा करना होता है। आपको पता होना चाहिए कि जो भी आप कर रहे हैं, जिसमें अपने जीवन का सबसे अमूल्य समय लगा रहे हैं, वह आपके लिए और दूसरों के लिए एक नया सबक बनने वाला है कि नहीं। और, ये सिनेमा बनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
महिला अधिकारों की सुरक्षा की आपकी मुहिम में कैप्टन मार्वेल ने कितनी मदद की है?
इस फिल्म ने मुझे एक ऐसा मंच प्रदान किया है जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। आप भारत से हैं और यहां सिंगापुर में मुझसे मिलने आए हैं। ऐसे ही तमाम दूसरे देशों के लोगों से भी मैं मिल रही हूं। इस फिल्म ने मुझे ये मौका दिया है कि मैं अपनी बात और ज्यादा विशाल दर्शक समूह के साथ साझा कर सकूं। मैंने अपने करियर में अब तक कभी इतना बड़ा प्रेस इवेंट नहीं किया है। लेकिन, जब डिजनी जैसी बड़ी कंपनी आपको ये मौका देती हैं तो ये कहीं न कहीं उनकी सोच में भी शामिल है।
ये फिल्म शुरू करने से पहले और इसे पूरी करने के बाद बतौर इंसान आपके भीतर कितना बदलाव आया है?
ये सवाल वाकई बहुत मजेदार है। मैंने जब इस फिल्म के लिए जिम में ट्रेनिंग शुरू की तो मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं शुरूआत कहां से करूं। लोग मुझे ताना भी मारते थे कि इतना वजन तुम उठा नहीं पाओगी। तो मैं उनसे कहती लेकिन मैं तुमसे ज्यादा लंबी तो हूं। हालांकि अपनी किसी भी खूबी को अपना हथियार बना लेना ठीक है पर मैंने वजन उठाने वाली बात को भी चुनौती के तौर पर लिया। मैंने घंटों में जिम में ट्रेनिंग की। कई क्विंटल वजन उठाने की कोशिश की और अब मैं वे सारे वजन झटके में उठा लेती हूं जिन्हें लेकर लोगों को मेरे प्रति शुरू में शंका थी। इसने मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ाया। अब मुझे कोई लफंगा दिखता है तो मेरा विश्वास कहता है कि अगर इसने कुछ गड़बड की तो मैं इसे उठाकर फेंक सकती हूं।
सदियों से लोगों का ये भ्रम रहा है दर्द सहने के मामले में महिलाएं बेमिसाल हैं। क्या आपको भी कैप्टन मार्वेल के दर्द सहने की शक्ति में ऐसा कुछ लगा?
मैंने तो सबसे पहले कहानी का विस्तार देखा। मैंने कभी इस किरदार को महिला या पुरुष के भेद से परखने की कोशिश ही नहीं की। मेरा मानना ये है कि शक्तिशाली होना ही आपके विजय का रास्ता नहीं खोलता है। जीत तब मिलती है जब आप शक्तिशाली होने के साथ साथ थोड़े लचीले रवैये के भी होते हैं। अगर आप परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढाल नहीं पाते हैं तो आपकी सारी ताकत और आपका सारा बल किसी काम का नहीं है।
एवेंजर्स के जितने भी अवतार दर्शको ने अब तक देखे हैं, हर किरदार में उन्हें एक अलग सुपर पॉवर दिखी है। कैप्टन मार्वेल की वह सुपर हीरो शक्ति क्या है जो उसे दूसरों से अलग करती है?
उसकी ताकत ही उसकी सबसे बड़ी यूएसपी है। कैप्टन मारवेल अब तक के सारे सुपर हीरो से ज्यादा मजबूत और ज्यादा शक्तिशाली है। यही एक बात उसे सारे सुपरहीरोज से अलग बनाती है।
https://www.youtube.com/watch?v=Flh_bYzEN-Y