उर्जित पटेल होंगे रिजर्व बैंक के 24 वें गवर्नर, चार सितंबर को लेंगे राजन की जगह

उर्जित पटेलनई दिल्ली |  जाने माने अर्थशास्‍त्री उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्‍त किया गया है। वह बैंक के 24 वें गवर्नर होंगे। बैंक के वर्तमान गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल चार सितंबर को समाप्‍त हो रहा है। राजन के बाद वह इस पद को संभालेंगे।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उर्जित पटेल की नियुक्ति को मंजूरी दी है। उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। राजन का कार्यकाल भी तीन वर्ष का रहा।

बयान में कहा गया, “कैबिनेट सचिव के नेतृत्व वाली वित्त क्षेत्र नियामकीय नियुक्ति खोज समिति की सिफारिश के आधार पर इस नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। खोज समिति ने व्यापक अनुसंधान के आधार पर कैबिनेट की नियुक्ति समिति को नाम की सिफारिश की।”

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कई नामों पर विचार किया गया, जिसमें स्टेट बैंक की प्रमुख अरुं धती भट्टाचार्य, पूर्व नौकरशाह विजय केलकर एवं अशोक चावला और अर्थशास्त्री राकेश मोहन, अशोक लाहिड़ी तथा सुबीर गोकर्ण शामिल रहे।

राजन ने जून माह में ही अपने सहकर्मियों को एक अभूतपूर्व पत्र लिखकर दूसरे कार्यकाल के लिए अनिच्छा जाहिर कर दी थी, जिसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि आखिर राजन का उत्तराधिकारी कौन होगा।

राजन अब दोबारा अकादमिक पेशे में शिकागो युनिवर्सिटी लौटने वाले हैं।

52 वर्षीय उर्जित पटेल जानेमाने अर्थशास्त्री, बैंकर और सलाहकार हैं। इन दिनों वह रिजर्व बैंक में उपगवर्नर हैं और मुख्यतया मौद्रिक नीति का जिम्मा संभालते हैं। पटेल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम. फिल हैं और उन्होंने येल युनिवर्सिटी से पीएचडी किया है।

पटेल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी, यह तभी तय हो गया था कि उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

महंगाई दर को नियंत्रण में रखने की विशेषज्ञता की वजह से उन्हें इस पद के लिए चुना गया है।

राजन और पटेल वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में साथ काम कर चुके हैं। पटेल राजन के करीबी माने जाते हैं। हालांकि पटेल राजन से पहले रिजर्व बैंक में आ गए थे। रिजर्व बैंक में आने के बाद राजन ने जब 2013 में मौद्रिक नीति के लिए समिति गठित की थी, तब उन्होंने इस समिति का अध्यक्ष उर्जित पटेल को बनाया था।

रिजर्व बैंक में पटेल की सेवा को विस्तार देते हुए इस साल जनवरी में उन्हें अगले तीन साल के लिए नियुक्त किया गया था।

रिजर्व बैंक में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, पटेल को 1996-97 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत में ऋण, मुद्रा बाजार के साथ ही बैंकिंग और सामाजिक सुरक्षा सुधार पर सलाह देने के लिए चुना था।

पटेल ने प्राइवेट कंपनियों में भी काम किया है, जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी और गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन शामिल हैं।

उर्जित पटेल को बधाई देने वालों का लगा तांता

रिजर्व बैंक के गवर्नर पद के लिए उर्जित पटेल के नाम की घोष्‍णा होते ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्‍हे अपनी शुभकामनाएं दीं। जेटली ने कहा कि उर्जित पटेल रिजर्व बैंक गवर्नर के तौर पर भारत के आर्थिक विकास में बेहतर योगदान करेंगे। जेटली ने ट्वीट कर पटेल को बधाई दी।

जेटली ने ट्वीट किया, ‘मुझे विश्वास है कि वह रिजर्व बैंक का सफलतापूर्वक नेतृत्व करेंगे और भारत के आर्थिक विकास में योगदान करेंगे।’

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने भी पटेल को अपनी शुभकामनाएं दी हैं।

भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरंधति भट्टाचार्य ने कहा कि पटेल मौद्रिक नीति रूपरेखा को संस्थागत रूप देने के काम में शामिल रहे हैं। रिजर्व बैंक गवर्नर के तौर पर उनकी नियुक्ति से नीतियों में निरंतरता का संकेत मिलता है।

आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ चंदा कोचर ने कहा, ‘रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के तौर पर पटेल ने नए मौद्रिक नीति ढांचे को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है. इस ढांचे का मकसद मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और मुद्रा में स्थिरता रखना है। उनकी नियुक्ति से मौद्रिक नीति में निरंतरता सुनिश्चित होगी।’

उर्जित पटेल को उनकी उपलब्धियों ने बनाया गवर्नर 

रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर बनने जा रहे उर्जित पटेल लंदन स्कूल इकोनॉमिक्स से स्नातक हैं। फिर उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम. फिल और येल यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र से पीएचडी की।

पटेल के पास दो दशक का ऊर्जा, बुनियादी ढांचों और वित्त क्षेत्र में कार्यों का अनुभव है। आईबीआई के अलावा वह बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ भी काम कर चुके हैं।

राजन की तरह वह भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में काम कर चुके हैं. वर्ष 1990 से 1995 के बीच आईएमएफ में रहते हुए उन्होंने, अमेरिका, भारत, बहमास और म्यांमार डेस्क संभाली थीं।

वह 1995 से 1997 के बीच आईएमएफ की तरफ से प्रतिनियुक्ति पर भारतीय रिजर्व बैंक में काम कर चुके हैं।

इसके बाद वर्ष 1998 से 2001 के बीच वह वित्तमंत्रालय आर्थिक मामलों के विभाग में सलाहकार के तौर पर भी काम कर चुके हैं।

उन्हें 7 जुलाई 2013 को आरबीआई का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था और इस साल जनवरी में उनका कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाया गया था।

आरबीआई के मौजूदा गवर्नर राजन और डिप्टी गवर्नर उर्जित इससे पहले वॉशिंगटन में साथ काम कर चुके हैं और उन्हें राजन का भरोसेमंद माना जाता है।

52 वर्षीय उर्जित रिजर्व बैंक में मॉनिटरी पॉलिसी संभाले हुए हैं और देश में महंगाई को काबू में रखने में उनका अहम योगदान माना जाता है।

पटेल उस समिति के अध्यक्ष रहे हैं, जिसने थोक मूल्यों की जगह खुदरा मूल्यों को महंगाई का नया मानक बनाए जाने सहित कई अहम बदलाव लाए।

वित्त मंत्रालय के प्रत्यक्ष कर को लेकर बने टास्क फोर्स, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग आदि में कार्य कर चुके हैं।

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