‘उरी’ में ‘2016’ दोहराने की फिराक में थे आतंकी, सेना के कमांडो फोन जाम कर सर्च ऑपरेशन में लगे

कश्मीर के उत्तरी इलाके में उरी के ब्रिगेड मुख्यालय पर 2016 में आतंकियों की ओर से हमला सामे आया था। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने इस हमले की जिम्मेदारी भी ली थी। जिसके बाद भारत ने उसका जवाब सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए दिया था। इस दौरान सैन्य कमांडो दस्ते ने पाकिस्तान के आतंकी लॉन्चिंग पैड को ही खत्म कर दिया था। अब पिछले तकरीबन 72 घंटे से उरी सेक्टर में बड़ा सर्च ऑपरेशन चल रहा है। इंटरनेट बंद करने के साथ ही फोन भी जाम कर दिए गए हैं। आतंकी उरी जैसी ही कोई घटना को दोहराने का प्लान बना रहे थे ऐसा कयास लगाए जा रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि आतंकी फिर से उसी घटना को दोहराने के फिराक में थे। इसके लिए पाकिस्तान की ओर से हुई घुसपैठ हुई। इसमें तकरीबन 6 आतंकी भी शामिल बताए जा रहे हैं। सेना के कमांडो ने आतंकियों पर फायरिंग की। हालांकि अभी तक सेना की ओर से संख्या को लेकर कोई भी आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। ज्ञात हो कि 2016 में आतंकियों ने उरी सेक्टर के ब्रिगेड मुख्यालय पर 18 सितंबर को आत्मघाती हमला किया गया था। मीडिया रिपोर्टस में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस बार 18 सितंबर की तिथि को ध्यान में रख घुसपैठ का प्रयास किया गया। आतंकियों की जानकारी शनिवार रात को ही लगी थी। जिसके बाद सेना ने घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया।

मीडिया रिपोर्ट में 15 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने कहा कि उरी में सर्च ऑपरेशन चल रहा है। घुसपैठ की कोशिश के बाद आतंकियों की तलाश जारी है। ये पता लगाया जा रहा है कि सभी आतंकी वापस सीमा पार चले गए हैं या उनका कोई साथी अभी भी छिपा हुआ है। सूत्र के अनुसार आतंकियों और सेना के बीच गोलीबारी की बात भी सामने आ रही है हालांकि सेना ने इस बाबत कोई पु्ष्टि नहीं की है। आतंकियों के पास केवल पिस्टल या एके 47 जैसे हथियार ही नहीं थे बल्कि वह रॉकेट लॉन्चर भी साथ में लिए हुए थे।

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