ईस्टर के जश्न में डूबा केरल

ईसाई समुदायतिरुवनंतपुरम। प्रार्थना, प्रायश्चित और शाकाहार के साथ पवित्र सप्ताह (पैशन वीक) के समाप्ति के साथ ही केरल में रविवार को ईसाई समुदाय का प्रमुख त्यौहार ईस्टर धूमधाम से मनाया गया। केरल में ईसाई समुदाय के लोगों ने सुबह चर्च जाकर ईस्टर संडे सर्विस में हिस्सा लेकर पर्व की शुरुआत की और फिर कई तरह के पकवान बनाए।

सूर्योदय होते ही चर्च के पादरियों 50 दिन के उपवास को समाप्त करने के लिए ने केक का टुकड़ा या एक गिलास वाइन दिया। एक-दूसरे को ईस्टर की बधाई देने के बाद लोग दिन के महत्वपूर्ण भोजन, ईस्टर नाश्ते के लिए घर चले गए।

ईस्टर नाश्ते में ‘अप्पम’, चिकन स्ट्यू, भुना हुआ बीफ खाते हैं और कुछ जगहों पर बत्तख से बने मांसाहारी भोजन ग्रहण करते हैं।

नाश्ता करन के बाद महिलाएं पारंपरिक ईस्टर लंच बनाने लगती हैं, जिसमें आमतौर से मीट और मछली से बने भोजन को प्रमुखता दी जाती है।

कैथोलिक ईसाई पोर्क खाना पसंद करते हैं, लेकिन अन्य समुदाय बीफ, चिकन, मटन पसंद करते हैं। लेकिन, फिश फ्राई और परंपरागत फिश करी हर जगह मौजूद रहती है। वाइन, बियर, हार्ड लिकर, ताड़ी, नारियल पानी का भी खूब सेवन होता है।

कोट्टयम में कृषि का काम करने वाले जैकब पुनने ने कहा, “मैं साल में इन 50 दिनों को छोड़कर नियमित शराब का सेवन करता हूं। हर साल इन पचास दिनों के उपवास में शराब के सेवन से दूर रहना मेरे लिए मुश्किल होता है, लेकिन मैं ऐसा करने में सफल रहता हूं और इसे छूता नहीं हूं। इस बार भी मैंने इसे हाथ नहीं लगाया। अब मैंने नाश्ता खत्म करते ही पीने का फैसला किया और अब अपने रिश्तेदारों के शामिल होने का इंतजार कर रहा हूं।”

नवीनतम संशोधित जनगणना के मुताबिक, केरल की 3.34 करोड़ की आबादी में से 61.41 लाख ईसाई हैं। इसाईयों में अन्य के मुकाबले कैथोलिक इसाईयों की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है।

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