ईवीएम में गड़बड़ी पर खड़ा हुआ नया बवाल, एक बार फिर ‘आप’ ने उठाया बड़ा सवाल

ईवीएम में गड़बड़ीनई दिल्ली| आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि ईवीएम में गड़बड़ी से ध्यान बंटाने के लिए विपक्ष शुंगलू समिति की रिपोर्ट का मुद्दा उठा रहा है। दिल्ली नगर निगम में अनियमितताओं की जांच के लिए इसी तरह की समिति क्यों नहीं गठित की गई। आप नेता दिलीप पांडेय ने संवाददाताओं से बात करते हुए रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने के वक्त सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र सरकार के पास वास्तव में आप सरकार के खिलाफ सबूत है तो उसे सभी आप नेताओं को जेल भेज देना चाहिए।

ईवीएम में गड़बड़ी

दिलीप पांडेय ने यह प्रतिक्रिया दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मांगे जाने के बाद आई है।

माकन ने शुंगलू समिति की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार की अनियमितताओं और नियुक्तियों में कथित भाई-भतीजावाद व सत्ता के दुरुपयोग के आरोप पर इस्तीफे की मांग की।

पांडेय ने कहा, “हर बार चुनाव पास आने पर भाजपा और कांग्रेस हमारे खिलाफ निराधार आरोप लगाती हैं और चुनाव खत्म होते ही भुला दिए जाते हैं। ऐसा ही 2015 के विधानसभा चुनाव, 2014 के लोकसभा चुनाव और 2013 के चुनाव में भी हुआ।”

पांडेय ने कहा कि आप द्वारा उजागर किए गए ‘ईवीएम धोखाधड़ी’ पर सत्तारूढ़ भाजपा को जवाब देने में मुश्किल आ रही है। आप ने मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी का मुद्दा ‘पुख्ता सबूत’ के साथ उठाया है और भाजपा लोगों का ध्यान अब बंटाने में लगी हुई है।

दिलीप पांडेय ने कहा, “यदि विपक्षी पार्टियों के पास हमारे खिलाफ सबूत है तो यह ड्रामा बंद करके सिर्फ जनता के सामने सबूत रखें और हमें जेल भिजवाएं। लेकिन नगर निगमों को लूटने वालों की जांच कौन करेगा?”

वहीं, आप नेता आशुतोष ने कहा कि यह मुद्दा इसलिए उठाया जा रहा है कि दोनों विपक्षी पार्टियां आप के काम पर कोई चर्चा नहीं करना चाहतीं। आप ने दिल्ली के लोगों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और निशुल्क पानी और सस्ती दर पर बिजली मुहैया कराया है। आप की लोकप्रियता भाजपा और कांग्रेस पर नागवार गुजर रही है।

शुंगलू समिति की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कि उसमें कहा गया है कि दीन दयाल उपाध्याय मार्ग या राउज एवेन्यू मार्ग पर आप के कार्यालय के लिए नियमों का उल्लंघन कर बंगला आवंटित किया गया।

इस पर आशुतोष ने कहा, “अब वे एक मान्यताप्राप्त पार्टी, जिसकी राज्य में सरकार है, उसका कार्यालय भी नहीं देखना चाहते।”

उन्होंने कहा, “कोई यह क्यों नहीं पूछता कि दिल्ली विधानसभा में एक भी सीट बचा पाने में नाकाम रही कांग्रेस पार्टी का दिल्ली में कार्यालय कैसे है। या सिर्फ तीन सीट जीतने वाली भाजपा का दिल्ली में कार्यालय कैसे है।”

आशुतोष ने कहा कि किसी तरह की अनियमितता नहीं है, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच जो मतभेद है, सिर्फ उसी के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है।

आशुतोष ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के अगस्त, 2016 में आए आदेश के बाद कोई निर्णय बिना उपराज्यपाल की मंजूरी के नहीं लिया गया। न्यायालय ने उपराज्यपाल को दिल्ली का प्रशासनिक प्रमुख बताया था।

शुंगलू समिति की रिपोर्ट में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी सौम्या जैन को दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक परियोजना में मिशन निदेशक के सलाहकार का पद नियुक्ति को लेकर सवाल उठाया गया है।

इसके अलावा समिति ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की पत्नी के रिश्तेदार निकुंज अग्रवाल को स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी के पद पर नियुक्ति पर सवाल उठाया गया है।

समिति ने कैबिनेट के उस फैसले पर भी सवाल उठाया है, जिसमें 206, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग के बंगले को आप के पार्टी कार्यालय के तौर पर आवंटित किया गया है।

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