ईमानदारी के बावजूद इंस्पेक्टर को किया लाइन हाज़िर, इंस्पेक्टर ने कहा– “नहीं करना काम !”

रिपोर्ट – अश्वनी बाजपेई

औरैया : हत्या जैसे संगीन व गंभीर मामले को 24 घण्टे के अंदर सफल अनावरण करने वाले इंस्पेक्टर ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थनापत्र देकर स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति मांगी है |

क्योंकि इंस्पेक्टर को मामले के खुलासे को लेकर बीजेपी के नेता व जिला पंचायत अध्यक्ष ने 2 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया बल्कि इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर भी करवा दिया |

पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा अपने साथ हुई इस ज़्यात्ति को लेकर आक्रोश है तो वहीं पीड़ित इंस्पेक्टर ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि थाने आने वाले सभी अपराधियो के हमदर्द हैं |

जिला पंचायत अध्यक्ष व गरीबों के सरकारी अनाज की बोरियां भी इन्हीं जिला पंचायत के मिल से मिली व अपराधियों को थाने से जबरन छुड़ाकर ले जाने का आरोप भी इंस्पेक्टर ने लगाया ।

यूपी का औरैया जनपद के सदर कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने विगत 4 मई को हुए सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पढींन में वृद्धा की हत्या का सफल खुलासा 24 घण्टे में करते हुए हत्यारोपी बहु को जेल पहुंचाया ।

हत्यारोपी महिला की गिरफ्तारी के बाद विवेचक इंस्पेक्टर अशोक कुमार को जिला पंचायत अध्यक्ष ने फोन कर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए निर्दोष बहु को जेल भेजने की बात कही जिसका विरोध करते हुए इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने दोषी को जेल भेजा |

 

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इसी बात से खुन्नस दिखाते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष ने इंस्पेक्टर पर रुपये न देने पर परिजनों को बंधक बनाने का आरोप लगाया व लाइन हाजिर करवा दिया ।

निर्दोष इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर जैसे दण्ड मिलने के बाद इंस्पेक्टर ने पुलिस अधीक्षक औरैया को स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति का प्रार्थना पत्र दिया।

इसके साथ ही पीड़ित इंस्पेक्टर ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष अपराधियों के पैरोकार है व गरीबों का सरकारी राशन चावल भी इनके मिल से बरामद हुआ लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष ने किसी की भी नही सुनी व अपराधी को थाने से जबरन छुड़ाकर ले गए ।

वहीं इस मामले में पुलिस अधीक्षक औरैया ने बताया कि प्रार्थना पत्र मिला है व सक्षम अधिकारी से जांच के बाद ही कोई कार्यवाही की बात कही ।

सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि नेता जी के ऊपर जो आरोप इंस्पेक्टर ने लगाए हैं कितने जघन्य है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे पद पर रहते हुए कानून को अपनी जेब मे डालकर घूमते है |

किसी भी अपराधी को जिसे पुलिस थाने लाती है उसे नेता जी जबरन छुड़ाकर ले जाते हैं, ऐसे हालातों में अभी तो सिर्फ 1 इंस्पेक्टर ने स्वैछिक सेवा निवृति मांगी है | कहीं यह सिलसिला बदस्तूर जारी न हो जाये ।

 

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