इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे पिता की हत्या, निलंबित पुलिस वालों पर लगा आरोप

इंसाफ की लड़ाई लखनऊ। राजधानी में अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे एक पिता की अपराधियों ने खुलेआम 5 गोलियां मारकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। इस मामले में हत्या का आरोप निलंबित पुलिस वालों पर लगाया गया है।

सआतगंज के रहने वाले तेल व्यवसायी श्रवण कुमार साहू (50) बुधवार शाम अपनी दुकान पर बैठे थे।  इसी दौरान पल्सर सवार दो बदमाश वहां आए और अधाधुंध फायरिंग करते हुए श्रवण पर 5 गोलियां चलाईं। गोली उनके सिर में लगी  घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।

परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

श्रवण साहू अपने जवान बेटे आयुष की हत्या की पैरवी कर रहे थे। आरोप है कि 16 अक्टूबर 2013 की रात अकील नाम के बदमाश ने पुलिस की शह पर जरा सी बात के लिए आयुष की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

ताबड़तोड़ फायरिंग के दौरान आयुष के दोस्त आकाश साहू और नितिन साहू भी घायल हो गए थे। इसके पहले अकील ने श्रवण साहू को फंसाने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम के साथ मिलकर चार बेगुनाहों को आर्म्‍स एक्ट में जेल भिजवा दिया था।

आरोप है कि क्राइम ब्रांच की टीम ने कहानी बनाते हुए अधिकारियों को बताया था कि श्रवण साहू ने अकील नाम के शख्‍स को मारने के लिए 20 लाख की सुपारी दी थी। लेकिन मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी मंजिल सैनी ने एसआई धीरेंद्र शुक्ला, कॉन्‍स्टेबल धीरेंद्र यादव, कॉन्‍स्टेबल अनिल सिंह को बर्खास्त कर दिया था।

वहीं कॉन्‍स्टेबल राजाराम पांडेय, कॉन्‍स्टेबल सुजीत कुमार, कॉन्‍स्टेबल विवेक मिश्रा, कॉन्‍स्टेबल आलोक पांडेय, कॉन्‍स्टेबल लवकुश मिश्रा को निलंबित कर दिया था।

इस मामले में एसआई मोरमुकुट पांडेय, एसआई पंकज सिंह, एसआई संजय खरवार, एसआई विनय कुमार को लाइनहाजिर किया गया था। साथ ही प्रभारी निरीक्षक श्याम नारायाण यादव, प्रभारी चौकी मोहान दीपेंद्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई थी।

 

 

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