आखिरकार चीन भी समझा हमारी ताकत, भारत को देगा फुल एंट्री

इंडियन प्रोडक्ट्सनई दिल्ली। कारोबार के नजरिये से ही सही चीन की ऐंठन कम होती नजर आ रही है। भारत को चीन ने विश्वास दिलाया कि वह दोनों देशों के बीच ट्रेड घाटा पाटने के लिए इंडियन प्रोडक्ट्स की पहुंच चीनी बाजार में बढ़ाएगा।

इंडियन प्रोडक्ट्स मिटायेंगे घाटा

चीन के डिप्टी फाइनेंस मिनिस्टर वांग शॉवेन और कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर निर्मला सीतारमण के बीच हुई मीटिंग में इस पर चर्चा हुई। कॉमर्स मिनिस्टर्स की बैठक में शामिल होने के लिए चीन के मंत्री ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के यहां आए हैं।

एक बयान जारी करते हुए कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा, “चीन के डिप्टी मिनिस्टर ने आश्वासन दिया है कि वह इंडियन प्रोडक्ट्स की चीन के बाजार में पहुंच के संदर्भ में चिंताओं को दूर करने के लिए कदम उठाएंगे। बैठक में सीतारमण ने दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जताई।”

दोनों देशों के नेताओं ने ट्रेड और कॉमर्स पर विचारों का का आदान-प्रदान किया है और इस बात पर सहमति जताई कि भारत के लिए बढ़ता बाइलेटरल ट्रेड घाटा चिंता की बात है। भारत ने दोनों देशों के बीच लम्बे रिश्तों के लिए अपने प्रोडक्ट्स के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग की।

भारतीय चावल के इंपोर्ट के लिए केन्द्रीय मंत्री सीतारमण ने चीन से जल्दी मंजूरी देने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने चीन में भारतीय फार्मा प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट के लिए ग्रीन चैनल का मुद्दा भी उठाया। विशेष रूप से वे प्रोडक्ट जिन्हें पहले से यूएसएफडीए और ईयूएफडीए की मान्यता मिली हुई है।

फाइनेंशियल ईयर 2015-16 में चीन को भारत का एक्सपोर्ट 9 अरब डॉलर रहा था, जबकि इंपोर्ट 61.7 अरब डॉलर का था। इस तरह ट्रेड घाटा 52.7 अरब डॉलर था।

LIVE TV