आरोपी को छुड़ाकर थाने से ले गए भाजपा नेता,पुलिस बनी रही मूकदर्शक

दबंगलखनऊ। स्थानीय दबंगों के खिलाफ लिखने के कारण पत्रकार पर हमले का मामला सामने आया है। दंबगों को अपने खिलाफ छपी एक खबर इस कदर नगवार गुजरी कि खबर लिखने वाले पत्रकार पर हमला कर दिया व उसकी चेन लूट ले गए। जिसके बाद पत्रकार ने इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी और थाने में शिकायत दर्ज करा दी। पुलिस ने कारवाही करते हुए दो लोगो को हिरासत में लिया व शांतिभंग की धारा में चालान कर दिया।

मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में न आने के बाद एक नामजद आरोपी के पिता को थाने ले आई जिसके बाद बीजेपी सांसद कौशल किशोर (मोहनलालगंज) के कथित प्रतिनिधि वहां पहुंचे और आरोपियों को अगले दिन पेश करने का वादा करके आरोपी के पिता को लेकर चले गए।

मामले की शुरूआत कुछ माह पूर्व दबंगों के खिलाफ छपी एक खबर से संबधित था। जिसके बाद उस दबंग ने अपने कुछ साथियों को उस पत्रकार के पीछे लगा दिया। 5 अगस्त को सुबह जब वह अपनी बहन के साथ कहीं जा रहा था तो कुछ लोगों ने उसे रोका और अप्रत्यक्ष धमकी दी। धमकी देने वालों में से एक उसी के घर के पास रहता था तो शाम को वह उस लड़के की शिकायत करने उसके घर गया। घर जाकर उसने उसके पिता को मिलने के लिए फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और इतनी देर में आस-पास कई लड़के इकट्ठा हो गए। उसे पीटा गया और उसके गले से सोने की चेन छीन ली गई। पीड़ित का आरोप है कि उसकी कमर पर किसी ने ‘देशी कट्टे’ जैसा कोई हथियार भी लगाया और कहा, ‘दादा के खिलाफ लिखोगे तो जान से मार देंगे।

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मामले में दो नामजद और लगभग एक दर्जन अज्ञात हमलावरों के खिलाफ एफआईआर हुई। पुलिस ने तेजी दिखाते हुए 2 को हिरासत में लेकर चालान भी कर दिया लेकिन मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर ही रहे। पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई न होते देख वहां के पत्रकारों का एक समूह एसपी ट्रांसगोमती से मिलने पहुंचा। एसपी ट्रांसगोमती ने तत्काल थाना प्रभारी को इस मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया।

जब एसपी को यह बताया गया कि उन हमलावरों में ऐसे भी लोग हैं जो पहले भी इस तरह के काम करते रहे हैं और पुलिस में पहले भी उनके खिलाफ शिकायतें की जा चुकी हैं तो एसपी ने थानाध्यक्ष को निर्देश दिये कि उन सभी के पुराने मामले जांच कर ‘गुंडा ऐक्ट’ के तहत कार्रवाई की जाए। पुलिस आरोपियों को खोज रही थी कि 10 अगस्त को सुबह ऋषि अवस्थी नामक कथित सांसद प्रतिनिधि थाने पहुंचा और एक आरोपी को पुलिस के सामने पेश कर दिया। पुलिस ने आरोपी के ऊपर से आईपीसी की धारा 392 (लूट, गैरजमानती) हटा दी और अन्य जमानती धाराओं में चालान कर दिया।

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