आईटीसी के चेयरमैन वाईसी देवेश्वर का हुआ निधन, कैंसर से थे पीड़ित…

देश की दिग्गज उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली कंपनी इंडियन टौबेको कंपनी (आईटीसी)– के चेयरमैन वाईसी देवेश्वर का शनिवार को निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। देवेश्वर लंबे समय तक कैंसर से पीड़ित रहे थे। हालांकि अभी इस बात का पता नहीं चला है कि उनकी मृत्यु किस वजह से हुई है। उनके परिवार में पत्नी और बेटा है।

चैरमैन

बता दें की आजादी से पहले 1947 में चार फरवरी को देवेश्वर का जन्म लाहौर में हुआ था। देवेश्वर ने आईआईटी दिल्ली और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई  की थी। वो 1968 में आईटीसी से जुड़े थे। 11 अप्रैल 1984 को कंपनी के निदेशक बने और 1 जनवरी 1996 को उन्हें चीफ एग्जिक्यूटिव और चेयरमैन का पद ग्रहण किया था।

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जहां देवेश्वर दो दशक तक चेयरमैन और सीईओ के पद पर बने रहे। 5 फरवरी 2017 को उन्होंने बोर्ड के आदेश पर सीईओ का पद छोड़ दिया था, लेकिन नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरमैन बने रहे। वो कंपनी के शीर्ष प्रबंधन के लिए मार्गदशक भी बने रहे।
लेकिन 1991 और 1994 के बीच देवेश्वर ने एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पद भी रहे। 2011 में केंद्र सरकार ने उनको पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। देवेश्वर दो दशक से ज्यादा आईटीसी के प्रमुख रहे। आईटीसी ने उनके निधन की पुष्टि की है।

दरअसल 1996 में ग्रुप की कमान संभालने के दो साल के भीतर ही देवेश्वर घाटा कम करने और खाद्य तेल व वित्तीय सेवा कारोबार से बाहर निकलने को मजबूर हो गए थे। हालांकि वह भारतीय संस्थागत निवेशकों-यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया और एलआईसी की मदद से बीएटी (BAT) को आईटीसी का कंट्रोल लेने से रोकने में कामयाब हो गए थे।

एक तरह जहां आईटीसी के नए वेंचर्स को कामयाबी मिली, वहीं बीते दो दशकों के दौरान कंपनी का बाजार पूंजीकरण 5500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2.84 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया था।

 

जहां इससे देवेश्वर की सफलता के बारे में भी पता चलता है। इसके साथ ही इस दौरान आईटीसी ने शेयरहोल्डर्स को सालाना 23.3 फीसदी रिटर्न (सीएजीआर) दिया। 2015-16 के अंत तक आईटीसी की मार्केट कैप 45 अरब डॉलर हो गई थी, जो 1996 की तुलना में लगभग 50 गुनी थी।

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