आंध्र को विशेष राज्य देने संसद में आवाज उठाएगी वाईएसआर कांग्रेस

नई दिल्ली: वाईएसआर कांग्रेस ने रविवार को फैसला किया कि वह आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने का मुद्द संसद के बजट सत्र में उठाएगी। पार्टी के अध्यक्ष वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी की अध्यक्षता में हुई वाईएसआर कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया।
केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए जगनमोहन रेड्डी ने अपने दल के सांसदों को यह मुद्दा संसद में उठाने को कहा। विशेष दर्जे को आंध्र प्रदेश की जीवन रेखा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके बिना राज्य का कोई भविष्य नहीं होगा।

आंध्र प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि राज्य को विशेष दर्जा देने का अपना वादा पूरा करने की जगह केंद्र ने विशेष पैकेज की घोषणा की है जो राज्य की समस्याओं का हल नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू विशेष पैकेज के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। जगनमोहन ने कहा कि विशेष दर्जे का कोई विकल्प नहीं है और पार्टी नेताओं को लोगों के बीच इसे लेकर जागरूकता फैलानी होगी।

संसद सदस्य एम. राजमोहन रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बैठक में बजट सत्र में अपनाए जाने वाली रणनीतियों पर चर्चा हुई। विशेष दर्जे को लेकर पार्टी की एक निजी विधेयक पेश करने की योजना है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने संसद में आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की बात कही थी, जिससे वह मुकर गई है।

राजमोहन रेड्डी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और तेलुगू देशम पार्टी, दोनों ने राज्य को 10-15 साल के लिए विशेष दर्जा देने का वादा किया था। लेकिन, अब वे यह कह कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं कि विशेष दर्जे से राज्य को कोई फायदा नहीं मिलेगा।

सांसद ने कहा कि विशेष दर्जा मिलने पर उद्योग के लिए राज्य को सब्सिडी मिलेगी। उन्होंने दावा किया कि विशेष दर्जा मिलने से 11 राज्यों का विकास हुआ है।

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