अगस्टा वेस्टलैंड मामले में सीएजी पर भी सवाल

अगस्टा वेस्टलैंडनई दिल्ली।  तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने शुक्रवार को अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकाप्टर रिश्वत मामले में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) शशिकांत शर्मा पर इशारों में सवाल उठाए। शर्मा इससे पहले रक्षा मंत्रालय में काम कर चुके हैं।

अगस्टा वेस्टलैंड मामले में सीएजी

राय ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से लोकसभा में चर्चा के दौरान पूछा, “मैं आपसे जानना चाहता हूं कि क्या आपने डीजी, प्रोक्योरमेंट से इस मामले में पूछताछ की है?” लेकिन, राय ने किसी का नाम नहीं लिया।

पश्चिम बंगाल के दमदम से सांसद राय ने पर्रिकर से विशेष रूप से जानना चाहा कि ‘पिछले डेढ़ साल में भ्रष्टाचार के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?’ उन्होंने आरोप लगाया कि राजग सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ खूब शोरशराबा करती है लेकिन इसे खत्म करने की दिशा में बताने के लिए उसके पास कुछ भी ठोस नहीं है।

उन्होंने रक्षा मंत्री से पूछा, “आपका कहना है कि 124 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। आपकी सरकार के तहत बीते दो साल में सीबीआई ने क्या किया। अगर रिश्वत दी गई है तो आपको इसे वसूलना चाहिए था।”

शर्मा 2007 से 2010 तक रक्षा मंत्रालय में डीजी ऐक्विजिशन के पद पर तैनात थे। राय ने गलती से ‘डीजी प्रोक्योरमेंट’ कहा था। कथित रूप से शर्मा का नाम और उनके पद का जिक्र उस सूची में शामिल है, जिसे इस सौदे के दलाल क्रिश्चियन मिशेल ने इटली की अदालत को सौंपा था।

भाजपा के सदस्य निशिकांत दूबे ने भी सीएजी समेत कुछ और लोगों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे लोग संवैधानिक पदों पर अब भी कार्यरत हैं। उन्होंने एक संदर्भ प्रस्तुत करते हुए कहा कि जब सुषमा स्वराज विपक्ष की नेता थीं, तो उन्होंने एक पूर्व पुलिस अधिकारी की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में नियुक्ति का विरोध किया था।

1976 बैच के आईएएस अधिकारी शर्मा 2003 में रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव बने थे। भाजपा के सूत्रों ने 2013-14 में आरोप लगाया था कि शर्मा 2007 में डीजी एक्विजिशन बन गए थे और विवादस्पद अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकाप्टर की खरीद प्रक्रिया को ‘वस्तुत: वही नियंत्रित’ कर रहे थे। शर्मा 2010 तक इस महत्वपूर्ण पद पर बने रहे और फिर 2011 में रक्षा सचिव बने।

मई 2013 में भाजपा ने शर्मा को सीएजी नियुक्त किए जाने का विरोध किया था। यहां तक कि पिछले साल भाजपा नेताओं के एक वर्ग ने सीएजी के अधिकारों को मुद्दा बनाया था। दरअसल संसद परिसर में लोक लेखा समिति अध्यक्षों के सम्मेलन के इतर भाजपा सांसद दूबे ने कहा था कि सीएजी को संसद के प्रति जवाबदेह बनाया जाए।

दूबे ने कहा कि सीएजी शशिकांत शर्मा, पूर्व रक्षा सचिव रहने के दौरान अपने किए हुए सौदों की खुद ही जांच कर रहे हैं। माना जा रहा है कि अब सरकार ऐसे उपाय कर रही है कि सीबीआई, शर्मा से पूछताछ कर सके। भाजपा के एक सांसद ने कहा कि हम प्रतिशोध नहीं ले रहे हैं। देशहित और न्याय हित में यह जरूरी है कि जांच एजेंसी पदासीन सीएजी से पूछताछ करे।

हालांकि, सौगत राय ने लोकसभा में कहा कि दलाल के बयानों और गवाही पर बहुत सोच-समझ कर ही आगे कुछ किया जाना चाहिए।

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