माता के इस मंदिर में हर रोज दर्शन करने आते हैं खूंखार जानवर, जिसे देखना नहीं है सबके बस की बात…
हमारा देश आध्यात्मिक शक्तियों और प्राचीन धार्मिक स्थलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इन जगहों के चमत्कारों और घटनाओं के बारे में जानकर आश्चर्य होना लाजिमी है। एक ऐसी ही घटना का जिक्र आज हम करने जा रहे हैं।
बता दें, छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में स्थित चंडी देवी का मंदिर एक विशेष कारण के चलते प्रसिद्ध है। दरअसल, इस मंदिर में पूजा करने के लिए केवल इंसान ही एकत्रित नहीं होते हैं बल्कि भालुओं का पूरा परिवार भी हर रोज माता के दर्शन को पहुंचता है।
महासमुंद जिले के घूंचापाली गांव में चंडी देवी के मंदिर में हर रोज भालुओं की टोली दर्शन के लिए आती है। भालुओं के इस क्रियाकलाप को देखकर यहां आने वाले श्रद्धालु हैरान रह जाते हैं।
पहाड़ों पर स्थित डेढ़ सौ साल पुराने इस मंदिर में भक्त दर्शन करने के बाद घंटों तक केवल इन भालुओं की भक्ति को देखने के लिए इंतजार करते हैं।
जैसे ही शाम ढलती है और आरती का समय होता है, धीरे-धीरे भालुओं का आना शुरू हो जाता है। आरती के समय ये खूंखार जानवर देवी मां की प्राकृतिक प्रतिमा दर्शन करते हैं और इसके बाद प्रसाद लेकर चुपचाप वहां से निकल जाते हैं।
सालों से ऐसा ही होता आ रहा है और आज तक इन जानवरों ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।
जंगल से आने वाले भालू धीरे-धीरे मंदिर में प्रवेश करते हैं। देवी मां की प्रतिमा की परिक्रमा करते हैं।
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प्रसाद लेने के बाद वापस घने जंगल में घुस जाते हैं। ये भालू कभी भी हिंसक नहीं होते हैं बल्कि इनका व्यवहार दोस्ताना होता है। इस कारण गांववाले इन्हें जामवंत का परिवार कहने लगे हैं।
गांव वालों का कहना है कि किसी जमाने में यह मंदिर तंत्र साधना के लिए मशहूर था और इसी के चलते यहां उस वक्त कई साधु-संत रहा करते थे। तंत्र साधना की वजह से इस जगह को गुप्त रखा गया था, लेकिन साल 1950-51 में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया।
मंदिर में दक्षिण मुखी देवी मां की प्राकृतिक रूप से बनी प्रतिमा साढ़े 23 फुट ऊंची है।