जीएसटी में सेवाओं के लिए भी तय होंगी दरों की चार श्रेणियां

वस्तु एवं सेवा करनई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शुक्रवार को अपनी बैठक में वस्तुओं की ही तरह सेवाओं की दरों को चार श्रेणियों में बांटने पर सहमति जताई। स्वास्थ्य सेवा तथा शिक्षा सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है। बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि सोने की दर को लेकर परिषद की बैठक में एक राय नहीं बन पाई। अब इस पर 4 जून को होने वाली परिषद की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।

इसाक ने कहा, “सोने की दर के निर्धारण पर हम किसी फैसले पर नहीं पहुंच सके। सेवाओं को वस्तुओं की तरह ही जीएसटी में दरों की चार श्रेणियों में बांटा गया है।”

परिषद ने गुरुवार को 1,211 सामानों के लिए करों की दरों को मंजूरी प्रदान की थी। इनमें से 7 फीसदी सामानों पर कर नहीं लगेगा, 14 फीसदी को 5 फीसदी के स्लैब में रखा गया है, 17 फीसदी सामानों को 12 फीसदी कर की श्रेणी में रखा गया है, 43 फीसदी सामानों को 18 फीसदी कर की श्रेणी में शामिल किया गया है, जबकि 19 फीसदी सामानों पर करों की सबसे उच्च दर 28 फीसदी लगाई गई है।

इसाक ने कहा, “सेवाओं पर वर्तमान में 15 फीसदी कर लगता है। जीएसटी में इसे 18 फीसदी की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि सेवाओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा, जिससे वास्तविक कर की रकम कम होगी।”

उन्होंने कहा, “दूरसंचार सेवाओं पर पहले जितना ही कर लगेगा। किसी एक भी चीज पर दर को बढ़ाया नहीं गया है।”

LIVE TV