आरबीआई ने मौद्रिक नीति में नहीं किया कोई बदलाव, अभी और करना होगा सस्ते कर्ज का इंतजार

आरबीआई मौद्रिक नीतिनई दिल्ली। रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) ने बुधवार को ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। कमिटी ने रेपो रेट 6.25 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है। ऐसे में लोगों को सस्ता कर्ज पाने के लिए और थोडा इंतजार करना पड़ेगा।

एक-दो अगस्त को होगी अगली बैठक

आरबीआई ने नगद आरक्षित अनुपात (सी.आर.आर.) को 4 फीसदी पर स्थिर रखा है। वहीं संवैधानिक तरलता अनुपात (एस.एल.आर.) को 0.5 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया है।

एस.एल.आ.र की नई दरें 24 जून से लागू होनी है। बता दे एमपीसी के 5 सदस्य ब्याज दरों में कटौती न करने के पक्ष में थे, जबकि 1 सदस्य दरों में बदलाव के पक्ष में था।

21 जून को एमपीसी मिनट्स जारी होंगे। साथ ही एमपीसी की अगली बैठक एक-दो अगस्त को होनी है।

महंगाई का लक्ष्य चार फीसदी रखा गया

आरबीआई ने खुदरा महंगाई का लक्ष्य चार फीसदी पर रखा है। इसके बाद छोटे निवेशकों का ध्यान रखते हुए आरबीआई की कोशिशें छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें स्थिर रखने की हैं।

अंत में आरबीआई ने एनपीए से निपटने के लिए सरकार के साथ काम करने की बात कही है।

अप्रैल से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

आरबीआई ने 6 अप्रैल को भी अपनी मॉनेटरी पॉलि‍सी रि‍व्‍यू में रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा था। लेकि‍न रि‍वर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दि‍या था।

उस समय आरबीआई ने कहा था कि वैश्विक आर्थिक माहौल में अनिश्चितता के बीच मुद्रास्फीति में बढ़ौतरी खतरा बन सकती है।

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