विवादस्पद बांड बिक्री को लेकर श्रीलंका के प्रधानमंत्री से पूछताछ

श्रीलंका के प्रधानमंत्रीकोलंबो| श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे सोमवार को एक विशेष आयोग के समक्ष हाजिर हुए, जो साल 2015 में वर्तमान सरकार के चुने जाने के बाद देश के केंद्रीय बैंक में एक राजकोषीय बांड घोटाले की जांच कर रही है।

ख़बरों के मुताबिक विक्रमसिंघे श्रीलंका के इतिहास में पहले प्रधानमंत्री हैं, जो कि राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त विशेष आयोग के समक्ष जांच के लिए हाजिर हुए हैं।

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यह आयोग केंद्रीय बैंक के पूर्व गर्वनर अर्जुन महेंद्रन के कार्यकाल के दौरान विवादास्पद राजकोषीय बांड की बिक्री की जांच कर रही है, जिस पर देश के खजाने को लाखों डॉलर का चूना लगाने का आरोप है।

महेंद्रन को केंद्रीय बैंक के प्रमुख के पद पर विक्रमसिंघे ने 2015 में नियुक्त किया था, जब यह बांड घोटाला हुआ, हालांकि उन्होंने एक साल बाद ही इस्तीफा दे दिया था।

विपक्षी दल सरकार से इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री को इस घोटाले के बारे में मालूम था।

आयोग ने सोमवार को विक्रमसिंघे से एक घंटे तक पूछताछ की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह सार्वजनिक कर्ज पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करने तथा अपने नाम को लेकर स्पष्टीकरण देने का एक अवसर था।

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विक्रमसिंघे ने सुनवाई के बाद कहा, “राष्ट्रपति, हमारी पार्टी के सचिव और हमारे मंत्री सबूत मुहैया कराने के लिए निडरता से सामने आए हैं।”

उन्होंने कहा, “‘याहापालन्या’ (सुशासन) जारी है, यहां छिपाने को कुछ नहीं है। कुछ गलतियां हो सकती हैं, कमियों के बावजूद सुशासन जारी रहेगा।”

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