पद्मावत: ‘जौहर’ स्थगित, अब राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग

नई दिल्लीः राजपूत महिलाओं ने संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के विरोध में किए जाने वाला सामूहिक ‘जौहर’ अब स्थगित कर दिया है। फिल्म के विरोध में 24 जनवरी को चित्तौड़गढ़ किले में सामूहिक जौहर करने का ऐलान किया था। लेकिन अब उन्होंने अपने इस कदम को वापस लेते हुए कहा है कि सभी राजपूत महिलाएं अब राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग करेंगी।

पद्मावत

आपको बता दें कि, फिल्म ‘पद्मावत’ के विरोध में राजपूत महिलाएं सामने आईं थीं और श्रीराजपूत करणी सेना के प्रमुख महिपाल मकराना ने कहा था कि 24 जनवरी को राजपूत महिलाएं चित्तौड़गढ़ में जौहर करेंगी।

उन्होंने यह तक बताया था कि अभी तक जौहर के लिए 1826 महिलाएं राजी हुई हैं। ये जौहर फिल्म के विरोध में चित्तौड़गढ़ की सर्व समाज समिति और श्रीराजपूत करणी सेना कराएगी।

संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर चित्तौडगढ में सैंकडों महिलाओं ने रविवार को जौहर स्वाभिमान रैली निकाली। रैली के दौरान कुछ महिलाओं ने हाथों में तलवारें थाम रखी थी।

उन्होंने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के विरोध में और रानी पद्मावती के सम्मान में नारे लगाये। रैली चित्तौड किले के जौहर स्थल से शुरू हुई और करीब आठ किलोमीटर पर शहर में जौहर भवन पर समाप्त हुई। इसमें अनेक युवा भी शामिल हुए।

रानी पद्मावती ने चित्तौड किले पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के दौरान आत्मसम्मान की रक्षा के लिये 16 हजार अन्य महिलाओं के साथ जौहर किया था। भंसाली की फिल्म रानी पद्मावती पर आधारित है और राजपूत संगठनों का आरोप है कि इसमें रानी पद्मावती के संबंध में गलत तथ्य पेश किये है तथा इतिहास के साथ छेडछाड की है।

रैली के दौरान महिलाओं ने फिल्म पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इधर श्रीराजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह ने पूर्व राजघरानों से आग्रह किया है कि वे अपने अधीन स्मारक एवं किले फिल्म के प्रतिबंध होने तक पर्यटकों के लिये बंद रखे।

 

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